यूपीसीए : सचिवों के आपसी द्वन्द के चलते कई पदाधिकारियों ने लगायी अध्यक्ष से गुहार
कानपुर, 31 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के सचिवों के बीच उठे विवादों के चलते कई पदाधिकारियों ने अध्यक्ष निधिपति सिंहानिया से विवाद पर विराम लगाने की गुहार लगायी है। अध्यक्ष ने भी सभी को मामले का निपटारा करवाने का सांत्वना दिया है। कार्यों में व्यस्तता के चलते वह अभी किसी निर्णय पर नही पहुंच सके हैं। यूपीसीए के भीतरखाने अटकलों का बाजार भी गर्म हो चला है कि विवादों के चलते दोनों सचिवों ने अपना इस्तीेफा भी अध्यक्ष को सौंप दिया है, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नही हो सकी है।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की बैठक में वर्तमान सचिव अरविंद श्रीवास्तव व पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह के बीच हुआ बवाल तूल पकड़ता जा रहा है। बैठक में हुए बवाल की खबर जब बाहर पहुंची तो दोनों अधिकारियों को पहले दिल्ली बुलाया गया। इसके बाद शनिवार को दोनों ने अध्यक्ष डॉ. निधिपति सिंघानिया को अपना-अपना इस्तीफा दे दिया। हालांकि अभी दोनों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।बवाल के बाद दोनों के बीच मेल मिलाप कराने को लेकर दिल्ली में काफी जद्दोजहद चल रही है। अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि अभी मैंने कोई इस्तीफा नहीं दिया। युद्धवीर सिंह ने दिया या नहीं यह भी मुझे नहीं मालूम हैं।
वहीं, इस प्रकरण में जब युद्धवीर सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। यह पूरा मामला इस सीजन में यूपी की अंडर-23 टीम से जुड़ा है। इस टीम ने ही यूपी की तरफ से 2023-24 सीजन में सबसे शानदार प्रदर्शन किया है।
बताया जा रहा है कि इसी टीम में अपने पंसदीदा खिलाड़ी को टीम में शामिल कराने के लिये पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह ने कहा था, लेकिन उनकी बात को दरकिनार कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने पूरी चयन समिति के सदस्यों समेत कोचिंग स्टाफ से काफी अभद्रता की थी। इससे आहत होकर पूरी चयन समिति व कोचिंग स्टाफ ने दिल्ली जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। बीते बुधवार को लखनऊ में हुई बैठक में इस इस्तीफे को वर्तमान सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने अस्वीकार कर दिया, लेकिन बैठक के बाद पूर्व सचिव ने इस पर बवाल कर दिया। नौबत हाथापाई तक आ गयी थी। वहां मौजूद अधिकारियों ने किसी तरह दोनों के बीच मामला शांत कराया।
यूपीसीए सचिव अरविंद श्रीवास्तव और पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह में पहले भी कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। प्रदेश सरकार द्वारा जब वाराणसी स्टेडियम को लेकर यूपीसीए से एमओयू हुआ उस समय युद्धवीर ने वहां पर अपने हस्ताक्षर किये थे। इसे लेकर अरविंद श्रीवास्तव ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था। लेकिन अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद अरविंद श्रीवास्तव ने अपने पैर पीछे करते हुए कहा था कि इस नोटिस में मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं। यूपीसीए अध्यक्ष के प्रतिनिधि उत्तम केसरवानी ने रविवार को बताया कि दोनों अधिकारियों को राजीव शुक्ला ने समझाने के लिये दिल्ली बुलाया था। वहां वह अपना इस्तीफा देने लगे, जिसके बाद उन्हें कानपुर स्थित यूपीसीए कार्यालय में अपना त्याग पत्र देने को कहा गया है। हालांकि दोनों का ही इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/विद्याकांत
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