होयसाला के शासक मूर्तिकला के महान प्रेमी थे : राजेश प्रसाद
- डॉ. आर.के टंडन की लिखित पुस्तक ‘होयसाला के मन्दिर’ का विमोचन
प्रयागराज, 11 मार्च (हि.स.)। इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद ने “होयसाला के मन्दिर” को एक अनुपम कृति बताते हुए कहा कि दसवीं से चौदहवीं शताब्दी के मध्य होयसाला के शासक मूर्तिकला के महान प्रेमी थे। उन्होंने बड़ी संख्या में भगवान शिव और विष्णु के मंदिरों का निर्माण कराया था।
एस.एस खन्ना महाविद्यालय में डॉ. आर.के टंडन द्वारा लिखित पुस्तक ‘होयसाला के मन्दिर’ का सोमवार को विमोचन इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद ने अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में किया। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने आगे कहा कि उनमें से कुछ विदेशी आक्रमण और समय के साथ क्षरण से बच सके। ये मन्दिर उस काल के सर्वश्रेष्ठ नक्काशीदार मन्दिर हैं, जो आज भी अपनी सुंदरता और इन पर की गई कारीगरी से आश्चर्यचकित करते हैं।
मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. अजय जेटली ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. आर.के टंडन ने अपनी पुस्तक में न केवल होयसाला के मंदिरों की कला कृतियों की विशेषताओं को अत्यंत सूक्ष्म ढंग से अध्ययन कर छाया चित्रों के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति की है, अपितु सुंदर ढंग से प्रस्तुति की है, जो निश्चय ही सराहनीय है।
इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्ति न्यायमूर्ति अरुण टंडन एवं इलाहाबाद संग्रहालय के राजेश मिश्रा ने भी पुस्तक के संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत किये। इस अवसर पर एस.एस खन्ना महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या आशा सेठ, टी.पी.एस. की प्रधानाचार्या अर्चना तिवारी, मीना टंडन के अलावा कई लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित