डॉ मुखर्जी का बलिदान हमें सिखा गया कि राष्ट्र की एकता और अखंडता सर्वोपरि है :प्रकाश पाल

WhatsApp Channel Join Now
डॉ मुखर्जी का बलिदान हमें सिखा गया कि राष्ट्र की एकता और अखंडता सर्वोपरि है :प्रकाश पाल


कानपुर, 06 जुलाई (हि. स.)। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक दूरदर्शी नेता, विचारक और राष्ट्रभक्त थे। उन्होंने देश की पहली औद्योगिक नीति का निर्माण किया, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी सराहते थे। यह बातें रविवार को भारतीय जनता पार्टी कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय मुख्यालय (कानपुर) में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती के अवसर पर क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कही।

क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि जब नेहरू की नीतियां राष्ट्रहित के विरुद्ध जाने लगीं, तो डॉ मुखर्जी ने सिद्दांतों से समझौता न करते हुए अपने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जो आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी के रूप में राष्ट्र को दिशा देने वाली पार्टी बनी।

उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी के अदम्य साहस और संघर्ष का ही परिणाम है कि आज जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उनका बलिदान हमें यह सिखाता है कि राष्ट्र की एकता और अखंडता सर्वोपरि है। एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे यह नारा आज भी राष्ट्रवाद की धड़कन बना हुआ है। उन्होंने डॉ मुखर्जी के राष्ट्र निर्माण में योगदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया।

इस अवसर पर क्षेत्रीय मंत्री सुनील तिवारी, हर्ष द्विवेदी, आलोक शुक्ला, पवन पांडे, राम सिंह चंदेल, संगठन के अन्य पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे। सभी ने डॉ मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको याद किया ।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद

Share this story