डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी करोड़ों कार्यकर्ताओं के प्रेरणा पुंज : प्रकाश पाल
कानपुर, 06 जुलाई (हि.स.)। डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राष्ट्र हित में अपनी जान की भी परवाह नहीं की । आज उनकी जयंती करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रेरणा पुंज है । डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में एक गैर-कांग्रेसी मंत्री के रूप में उन्होंने वित्त मंत्रालय का काम संभाला। यह बात गुरुवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के मौके पर भाजपा के कानपर—बुन्देलखण्ड क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कही। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने चितरंजन में रेल इंजन का कारखाना, विशाखापट्टनम में जहाज बनाने का कारखाना एवं बिहार में खाद का कारखाने स्थापित करवाए। 1950 में भारत की दशा दयनीय थी। इससे डॉ. मुखर्जी के मन को गहरा आघात लगा। उनसे यह देखा न गया और भारत सरकार की अहिंसा वादी नीति के फलस्वरूप मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर संसद में विरोधी पक्ष की भूमिका का निर्वाह करने लगे। एक ही देश में दो झंडे और दो निशान भी उनको स्वीकार नहीं थे। कश्मीर का भारत में विलय के लिए डॉ. मुखर्जी ने प्रयत्न प्रारंभ कर दिए। इसके लिए उन्होंने जम्मू की प्रजा परिषद पार्टी के साथ मिलकर आंदोलन छेड़ दिया। डॉ मुखर्जी के स्वप्न को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धारा 370 को समाप्त कर सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की ।
इससे पूर्व गुरूवार को मोतीझील स्थित डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिला अध्यक्ष सुनील बजाज के नेतृत्व में श्रद्धांजलि के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कानपुर बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल गोविंद नगर के विधायक सुरेंद्र मैथानी सुरेश अवस्थी आदि लोगों ने श्रद्धेय श्यामा प्रसाद के जीवन वृतांत पर प्रकाश डालते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।
प्रमुख रूप से जिला महामंत्री संतोष शुक्ला, जितेंद्र शर्मा ,वीरेश त्रिपाठी, सतेंद्र पांडे प्रमोद त्रिपाठी अनूप अवस्थी रंजीत भदौरिया रामाशंकर अग्रहरि शिवबीर सिंह भदौरिया सरोज सिंह व विनोद सोनकर सहित सैकड़ों भाजपाइयों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/बृजनंदन

