राम मंदिर आंदोलन में जेल गये डा. आसिफ ने घर पर कराया सुंदरकांड

राम मंदिर आंदोलन में जेल गये डा. आसिफ ने घर पर कराया सुंदरकांड
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राम मंदिर आंदोलन में जेल गये डा. आसिफ ने घर पर कराया सुंदरकांड


कानपुर, 22 जनवरी (हि.स.)। अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होते ही पूरा शहर राममय हो गया और जय श्रीराम के उद्घोष चहुंओर सुनाई दे रहे थे। इस उत्सव को लोग तरह तरह से मना रहे थे और खुशी से लबरेज दिखे। ऐसे में राम मंदिर आंदोलन में जेल गये वरिष्ठ फिजीशियन डा. आसिफ अली जाफरी कहां पीछे रहने वाले थे और उन्होंने पंडित को बुलाकर घर पर विधिवत सुंदरकांड का पाठ कराया। पूरा परिवार इस विधि विधान में शरीक हुआ और डॉ जाफरी ने कहा कि मेरा सपना पूरा हुआ। इस दौरान बड़े पैमाने पर लोग इस कार्यक्रम के हिस्सा भी बने।

कल्याणपुर निवासी वरिष्ठ फिजीशियन डाक्टर आसिफ अली जाफरी राममंदिर आंदोलन में वर्ष 1990 और 1992 में जेल भी जा चुके हैं। उन्होंने कारसेवकपुरम में कई दिनों तक प्रवास भी किया। राम मंदिर निर्माण आंदोलनों में वह बराबर हिस्सा लेते रहे हैं और रामलला आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा बुलंद करते थे। यही नहीं तब से लेकर आज तक अपने घर पर श्रीराम की बराबर पूजा करते हैं और तिलक भी लगाते हैं। आज जब अयोध्या में श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा का सुअवसर आया तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने पंडित को बुलाकर घर पर सुंदरकांड का पाठ कराया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पति-पत्नी ने विधिवत पूजन अर्चन किया और पूरा परिवार खुश दिखा। उनके इस कार्यक्रम में लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और जय श्रीराम के उद्घोष बराबर होते रहे। उन्होंने कहा कि जो सेवा कार्य दशकों पूर्व किया था, उसका प्रतिफल अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर के रूप में मिल रहा है। इससे ज्यादा सौभाग्य की बात हो नहीं सकती है। वह कहते हैं कि राम की कृपा उनके पूरे परिवार पर रहती है। राम सबके हैं। हमारे राष्ट्र गौरव हैं। उनमें सबकी आस्था है। उन्हें जाति-धर्म में नहीं बांटा जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/प्रभात

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