यूपी में विगत तीन माह में निस्तारित हुए दोगुना राजस्व वाद
- 2022 के अंतिम तीन माह की तुलना में 2023 के अंतिम तीन माह में 196 प्रतिशत रही निस्तारित वाद की संख्या
लखनऊ, 22 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में लंबित राजस्व वादों के निस्तारण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। योगी के निर्देश पर लंबित राजस्व वादों के त्वरित निस्तारण के लिए किए गए प्रयासों के चलते विगत तीन माह में पिछले वर्ष की तुलना में करीब दोगुने वादों का निस्तारण सुनिश्चित किया गया है।
16 सितम्बर 2023 को कुल 19.57 लाख वाद लंबित थे। 16 सितम्बर 2023 से 19 दिसम्बर 2023 के मध्य 6.59 लाख नए वाद इसमें शामिल हुए। इन सभी कुल 26.16 लाख वादों में से विगत 3 माह में कुल 12.90 लाख वादों (49 प्रतिशत) का निस्तारण किया गया। यह पिछले वर्ष के इन्हीं अंतिम 3 माह के औसत निस्तारण (6.66 लाख) के सापेक्ष लगभग दो गुना है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 सितम्बर को पूरे प्रदेश में लंबित राजस्व वादों के त्वरित व गुणवत्तापरक निस्तारण के निर्देश दिए थे। निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश व अध्यक्ष, राजस्व परिषद के स्तर से नियमित गहन समीक्षा के फलस्वरूप राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी देखने को मिली है।
3 माह में 7.77 लाख नामांतरण के मामलों का निस्तारण
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 15 सितम्बर 2022 के पूर्व प्रदेश स्तर पर कुल 20.67 लाख वाद लंबित थे एवं 15 सितम्बर 2022 से 15 सितम्बर 2023 के मध्य कुल 26.57 लाख वाद योजित हुए। इन विचाराधीन कुल 47.25 लाख वादों में से पूरे वर्ष में कुल 27.67 लाख वादों (59 प्रतिशत) का निस्तारण किया गया। 15 सितंबर 2022 से 15 सितंबर के मध्य दायर वादों के सापेक्ष पूरे वर्ष का निस्तारण 104 प्रतिशत रहा, जबकि 16 सितम्बर 2023 से 19 दिसम्बर 2023 के मध्य दायर वादों के सापेक्ष मात्र 3 माह की अवधि का निस्तारण 196 प्रतिशत रहा। 15 सितम्बर 2022 से 15 सितम्बर 2023 तक 1 वर्ष में धारा-34 (नामांतरण) के कुल 19.22 लाख वादों का निस्तारण किया गया, जबकि समीक्षा अवधि (16 सितम्बर 2023 से 19 दिसम्बर 2023) मात्र 3 माह में 7.77 लाख वादों का निस्तारण किया गया जो कि विगत वर्ष के इसी 3 माह के औसत निस्तारण 4.80 लाख के सापेक्ष लगभग 3 लाख अधिक हैं।
89.43 हजार पैमाइश और 1.10 लाख कुर्रा वटवारा के मामले भी सुलझाए
15 सितम्बर 2022 से 15 सितम्बर 2023 तक 1 वर्ष में धारा-24/41 (पैमाइश) के कुल 1.95 लाख वादों के सापेक्ष 83 हजार वादों का निस्तारण किया गया, जबकि समीक्षा अवधि (16 सितम्बर 2023 से 19 दिसम्बर 2023) मात्र 3 माह में 89.43 हजार वादों का निस्तारण किया गया जो कि विगत वर्ष के इन्हीं 3 माह के औसत निस्तारण 20.70 हजार के सापेक्ष लगभग 4 गुना है। इसी तरह, 15 सितम्बर 2022 से 15 सितम्बर 2023 तक 1 वर्ष में धारा-116 (कुर्रा बटवारा) के कुल 2.79 लाख वादों के सापेक्ष 81.16 हजार वादों का निस्तारण किया गया, जबकि समीक्षा अवधि (16 सितम्बर 2023 से 19 दिसम्बर 2023) मात्र 3 माह में 1.10 लाख वादों का निस्तारण किया गया जो कि विगत वर्ष के इन्हीं 3 माह के औसत निस्तारण 20.3 हजार के सापेक्ष लगभग 5 गुना है।
धारा-80 के करीब 28 हजार वाद हुए निस्तारित
इसी तरह, 15 सितम्बर 2022 से 15 सितम्बर 2023 तक 1 वर्ष में धारा-80 (कृषक से अकृषक घोषणा) के कुल 49.12 हजार वादों के सापेक्ष 41.03 हजार वादों का निस्तारण किया गया, जबकि समीक्षा अवधि यानी 16 सितम्बर 2023 से 19 दिसम्बर 2023 के बीच मात्र 3 माह में 27.96 हजार वादों का निस्तारण किया गया जो कि विगत वर्ष के इन्हीं 3 माह के औसत निस्तारण 12.2 हजार के सापेक्ष लगभग 2.25 गुना है।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिलीप शुक्ल/मोहित
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