ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस के प्रति डॉक्टरों ने किया जागरूक

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ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस के प्रति डॉक्टरों ने किया जागरूक


कानपुर, 08 जनवरी (हि.स.)। ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस को लेकर देशभर में लोगों के बीच कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। इन भ्रांतियों को दूर करने और सच्चाई से अवगत कराने के उद्देश्य आईएमए के डॉक्टरों द्वारा बुधवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि यह वायरस नीदरलैंड (यूरोप) में 28 छोटे बच्चों के रेस्पेटरी सीक्रेशन्स में साल 2001 में पहली बार डिटेक्ट हुआ था। साथ ही आईएस वायरस से जुड़ी तामम जानकारियां भी साझा की गई।

परेड स्थित ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) हाल में आयोजित प्रेस वार्ता के आईएमए अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी ने बताया कि ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस एक नेगेटिव सेंस सिंगल स्ट्रैंडेड आरएनए वायरस है। साल 2022 के आकड़ों के अनुसार यह दूसरा सबसे आम वायरस है, जो सर्दियों और वसंत ऋतु में सबसे ज्यादा सांस नली से होकर फेफड़ों तक फैलाता है। मुख्य रूप से यह वायरस पांच साल से छोटे बच्चों में जबकि बुजुर्गों में 65 वर्ष से ऊपर के लोगों में ज्यादा असर करता है। इस वायरस के मुख्य लक्षण जिसमें बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, थकान, सिरदर्द, एवं मांसपेशियों में दर्द होता है, जबकि गंभीर मरीजों में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ एवं निमोनिया के लक्षण आते हैं। ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचे, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रगोग करें। खांसने अथवा छींकने वालें व्यक्तियों से उचित दूरी बना कर रखें। आंख, नाक, मुंह को बगैर हाथ धोए न छुएं, साबुन और पानी से नियमित हाथ धोते रहें।

इस वायरस का कोई स्पेसिफिक इलाज एवं बचाव के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है। संक्रमित होने पर अपने आप को आइसोलेट करें एवं लक्षण अनुसार इलाज किसी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से ही कराए और अपने शरीर को हाइड्रेट रखें।

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हिन्दुस्थान समाचार / Rohit Kashyap

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