बलरामपुर में चिकित्सकों ने किया विरोध प्रदर्शन, चार सूत्रीय मांगों को लेकर दिया ज्ञापन

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बलरामपुर में चिकित्सकों ने किया विरोध प्रदर्शन, चार सूत्रीय मांगों को लेकर दिया ज्ञापन


बलरामपुर में चिकित्सकों ने किया विरोध प्रदर्शन, चार सूत्रीय मांगों को लेकर दिया ज्ञापन


बलरामपुर में चिकित्सकों ने किया विरोध प्रदर्शन, चार सूत्रीय मांगों को लेकर दिया ज्ञापन


बलरामपुर,17 अगस्त (हि.स.)। कोलकाता में महिला चिकित्सक की बलात्कार के बाद हत्या को लेकर बलरामपुर में शनिवार को चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा बंद रखी। सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सकों ने घटना को लेकर विरोध जताते हुए सड़क पर उतर आये। वीर विनय चौराहे पर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे व चार सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन साैंपा।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाहन पर सरकारी वा गैर सरकारी चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सेवाओं को रोक वीर विनय चौराहे पर एकत्र हुए। बलरामपुर में

(आईएमए) के अध्यक्ष डा. अतुल सिंहल वा सचिव कुलदीप विश्वकर्मा के अगुवाई में घटना को लेकर विरोध जताते हुए नारेबाजी की। दोषियों के शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट तक चिकित्सकों ने पैदल मार्च किया है। कलेक्ट्रेट में सरकार से चिकित्सकों के सुरक्षा को लेकर उपाय करने की मांग सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

चिकित्सकों का कहना है कि कोलकाता की घटना ने एक बार फिर समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आज देश के अस्पतालों में चिकित्सकों को विभिन्न प्रकार के खतरों व भय के बीच काम करना पड़ता है। अक्सर अस्पताल की घटनायें होने के बाद चिकित्सा वर्ग को न्याय नहीं मिल पाता है। आज चिकित्सक अपनी सुरक्षा को लेकर आंशकिंत हैं। कोलकाता की घटना में निष्पक्ष व विश्वसनीय जांच करने की मांग देश भर के चिकित्सक कर रहे हैं। हम लोगों की मांग है कि सरकार इस पर ध्यान दे और कोई ठोस कदम उठाए। प्रकरण में कार्यवाही कुछ ऐसी होनी चाहिए जिसका कठोर संदेश अराजक तत्वों काे जाये। जिससे ऐसे आराजक तत्वों के मन में कानून का भय व्याप्त हो व इस तरह की घटनाओं में लगाम लगे।

काली पट्टी बांध कर दी स्वास्थ्य सेवाएं

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर संयुक्त जिला चिकित्सालय बलरामपुर के जूनियर और सीनियर डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाओं को पूरी तरह से बंद रखा। हालांकि इमरजेंसी सेवाओं को जारी रखा गया है जिससे इलाज कराने आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसके बावजूद इलाज के लिए आए मरीज घंटों की प्रतीक्षा के बाद मायूस होकर वापस लौट गए। जिले के तुलसीपुर, गैसड़ी, पचपेड़वा सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों पर काली पट्टी बांधकर स्वास्थ्य सेवाएं दी गई।

इन मांगों को लेकर दिया ज्ञापन

- दोषियों की तत्काल गिरफतारी हो, मामले में त्वारित सुनवाई कर दोषियों को अधिकतम सजा दिलाई जाए।

- डाक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को सभी प्रकार की अराजक घटनाओं से बचाने के लिए एक केन्द्रीय कानून बनाया जायें।

- सभी स्वास्थ्य देखभाल संस्थाओं को विशेष संरक्षित क्षेत्र घोषित किए जाए।

- राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को देश के किसी भी इलाके में काम कर रहे मेडिकल छात्रों और सभी आधुनिक चिकित्सा डाक्टरों की सुरक्षा से सम्बंधित सख्त नियमों को लागू करने का अधिकार दिया जाए।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रभाकर कसौधन / मोहित वर्मा

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