लखीमपुर खीरी के ऐतिहासिक दशहरे मेले का डीएम ने किया शुभारंभ
लखीमपुर खीरी, 15 अक्टूबर (हि.स.)। मंगलवार को डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष डॉ ईरा श्रीवास्तव साथ ऐतिहासिक दशहरा मेला महोत्सव का पूजन अर्चन एवं दीप जलाकर शुभारंभ किया। इसके बाद रामायण संगोष्ठी के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू हुई।
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि जनपद खीरी के मुख्यालय पर होने वाला दशहरा मेला यहां का ऐतिहासिक मेला है, जो पिछले कई दशको से हो रहा है, जहां हर जाति धर्म के लोग मेले का आनंद लेते हैं। सामाजिक एकता और अखण्डता का प्रतीक है ये दशहरा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन बड़ा ही पावन होता है। इन कार्यक्रमों के जरिये समाज में एक अच्छा संदेश जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम भारतीय संस्कृति के उत्थान में सहायक होते है। समाज में एकता, समरसता और बंधुत्व को बढ़ावा देते हैं।
15 दिन तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। दशहरा महोत्सव 15 अक्टूबर से प्रारम्भ होकर 29 अक्टूबर को अतिशबाजी के साथ सम्पन्न होगा।
मेले की व्यवस्थाओं को बनाएं चाक चौबन्द- डीएम
डीएम ने ईओ को मेले में चाकचौबन्द व्यवस्था बनाने रखने के लिए निर्देशित किया। ऐसे समारोह, मेले एवं महोत्सवों में पुलिस विभाग की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मेलार्थियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये। डीएम ने मेले में निर्वाध विद्युत आपूर्ति, पेयजल व्यवस्था एवं साफ सफाई समेत सभी व्यवथाएं चुस्त दुरुस्त करने के लिए भी निर्देशित किया।
उद्घाटन के अवसर पर नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष डाॅ. इरा श्रीवास्तव सहित एसडीएम अश्वनी कुमार सिंह, तहसीलदार सुशील प्रताप सिंह, सीओ रमेश कुमार तिवारी, ईओ संजय कुमार, मेला अधिकारी अमरदीप मौर्य, सहायक मेला अधिकारी मुरारी लाल, मेला अध्यक्ष मनोज राज, सहायक मेल अध्यक्ष श्वेता शर्मा, पिंकी देवी समेत सभासदगण कोशल तिवारी, कुमदेश शंकर शुक्ला एवं नगर पालिका कर्मचारी तथा पुलिस प्रशासन के लोग मौजूद रहे।
दशहरा सांस्कृतिक कार्यक्रम की एक नजर में..
रामायण संगोष्ठी (स्थानीय) 15 अक्टूबर, रामायण संगोष्ठी (आमंत्रित) 16 अक्टूबर, देवी जागरण 17 अक्टूबर, संस्कृत कवि सम्मेलन 18 अक्टूबर, स्कूली बच्चों द्वारा आयोजित कार्यक्रम 19 अक्टूबर, जवाबी कव्वाली 20 अक्टूबर, पंजाबी संगीत सम्मेलन 21 अक्टूबर, स्थानीय संगीत सम्मेलन 22 अक्टूबर, प्रादेशिक कवि सम्मेलन 23 अक्टूबर, अवध संध्या 24 अक्टूबर, भोजपुरी संगीत सम्मेलन 25 अक्टूबर, मुशायरा 26 अक्टूबर, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन 27 अक्टूबर, आमंत्रित कलाकारों द्वारा संगीत आमंत्रित 28 अक्टूबर और अतिशबाजी/समापन 29 अक्टूबर।
हिन्दुस्थान समाचार / देवनन्दन श्रीवास्तव
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