शिक्षण में आईसीटी के सर्वश्रेष्ठ प्रयोग को सिखाना होगा : प्राचार्य राजेंद्र प्रताप
-स्मार्ट क्लासेस उपकरणों में सूचना, प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षण पद्धति पर मंडलस्तरीय कार्यशाला
प्रयागराज, 13 जून (हि.स.)। समय की मांग के अनुसार हमें अपने शिक्षण में आईसीटी के सर्वश्रेष्ठ प्रयोग को सिखाना होगा। इसके सहयोग से सीखने की प्रक्रिया को और अधिक सहज-सरल, प्रभावकारी, चिरस्थाई और रोचक बनाना होगा। जिससे कि शिक्षण अधिगम प्रक्रिया छात्रों के लिए अधिक प्रभावकारी हो सके। यह बातें डायट प्राचार्य राजेंद्र प्रताप ने कही।
समग्र शिक्षा के तहत गुरुवार को विद्यालयों में स्थापित किये जा रहे स्मार्ट क्लासेस उपकरणों के उपयोगार्थ एवं सूचना और प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षण पद्धति पर एक दिवसीय मंडलस्तरीय कार्यशाला का आयोजन डायट में हुआ। इसमें मंडल के तीनों जनपद प्रयागराज, कौशाम्बी एवं प्रतापगढ़ के सभी खंड शिक्षा अधिकारी, दो-दो डायट प्रवक्ता और प्रत्येक जनपद से एक एसआरजी ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का आयोजन शिवनाडार फाउंडेशन के शिक्षा इनीशिएटिव की ओर से किया गया। खान अकादमी के प्रतिनिधि भी कार्यशाला में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश स्तर पर कुल 18,381 डिजिटल पैनल वितरित किए जा रहे हैं। इनमें से जनपद प्रयागराज में 281 डिजिटल पैनल वितरित किए गए हैं। आईसीटी के बेहतर प्रयोग एवं इन्हीं डिजिटल पैनलों के प्रभावी उपयोग हेतु कार्यशाला में चर्चा की गई। कार्यशाला में शिक्षा के क्षेत्र में आईसीटी की भूमिका, आईएफपीडी की संक्षिप्त जानकारी, शिवनाडार फाउंडेशन के सीएमएस प्रोग्राम, एमएलएस खान एकेडमी की वेब लर्निंग, जिओ ऐमबाईब वेब लर्निंग, चैट बोर्ड, स्विफ्ट चैट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे आईसीटी विषयों पर चर्चा की गई। इनके जरिए विद्यालयी शिक्षा को डिजिटल, आकर्षक, प्रभावोत्पादक, रुचिकर एवं अधिक बोधगम्य बनाया जा सकेगा। कार्यशाला में शिवनाडार फाउंडेशन की तरफ से डॉ शरद त्रिवेदी, कार्तिकेय पांडेय, प्रीति शर्मा, डॉयट प्रयागराज से विवेक त्रिपाठी, विपिन कुमार, डॉ. अंबालिका मिश्रा, वर्तिका कुशवाहा एवं मनीष प्रकाश उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/दिलीप
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