वाराणसी में भीड़ प्रबंधन के लिए जिलाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों ने देखी नई रूपरेखा

WhatsApp Channel Join Now
वाराणसी में भीड़ प्रबंधन के लिए जिलाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों ने देखी नई रूपरेखा


—टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन ने सहयोगी संस्थाओं संग अफसरों के सामने दी प्रस्तुति

वाराणसी,19 मार्च (हि.स.)। वाराणसी नगर निगम ने शहर में बढ़ती भीड़ को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के उद्देश्य से बुधवार को नदेसर स्थित एक होटल में कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला का शुभारंभ नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने किया। कार्यशाला में जिलाधिकारी एस.राजलिंगम सहित जिले के आला अधिकारियों की मौजूदगी में टोयोटा मोबेलिटी फाउन्डेशन ने भीड़ प्रबंधन के लिए तैयार किये गये प्लान का प्रस्तुतिकरण किया।

फाउंडेशन की सहयोगी संस्थाएं—डब्लूआरआई इंडिया और अर्बन लैब—पिछले कई महीनों से वाराणसी में भीड़ के पैटर्न का अध्ययन कर रही थीं। प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि वाराणसी के प्रमुख क्षेत्रों में किस समय और किन स्थानों पर भीड़ सबसे अधिक रहती है। दोनों संस्थाओं ने पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें दर्शाया गया कि देव दीपावली और महाशिवरात्रि के दौरान शहर में सबसे अधिक भीड़ होती है। प्रस्तुति के दौरान यह बताया गया कि शहर में गिरजाघर से दशाश्वमेध घाट तक, गोदौलिया से मैदागिन तक और अस्सी क्षेत्र में सबसे अधिक भीड़ होती है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्राउड मैपिंग तकनीक का उपयोग करने और बेनियाबाग में होल्डिंग एरिया विकसित करने का सुझाव दिया गया। साथ ही, तकनीकी विश्लेषण द्वारा भीड़ बढ़ने के पूर्वानुमान की योजना भी प्रस्तुत की गई।

सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज: वैश्विक समाधान की ओर कदम

इस कार्यशाला को सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज नाम दिया गया, जिसके तहत वैश्विक स्तर पर 9 मिलियन डॉलर की परियोजना संचालित की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत 10 वैश्विक इनोवेटर्स को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने भीड़ नियंत्रण और शहरी गतिशीलता में सुधार के लिए नवाचारों पर अपने विचार साझा किए। यह पहल वाराणसी नगर निगम, वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड, चैलेंज वर्क्स और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के सहयोग से संचालित की जा रही है।

अधिकारियों के विचार

फाउंडेशन के कार्यकारी कार्यक्रम निदेशक पी गणेश ने कहा कि वाराणसी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है, लेकिन इसकी भीड़भाड़ और गतिशीलता संबंधी चुनौतियाँ आधुनिक दृष्टिकोण की माँग करती हैं। डेटा और प्रौद्योगिकी के उपयोग से हम यातायात और भीड़ प्रबंधन को नया रूप दे सकते हैं। इसी क्रम में चैलेंज वर्क्स में सिटीज एंड सोसाइटीज की निदेशक कैथी नॉथस्टीन ने कहा कि दुनिया भर के शहर भीड़भाड़ और गतिशीलता की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस पहल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह डेटा और तकनीक के माध्यम से वास्तविक समाधानों की ओर अग्रसर है। डब्लूआरआई इंडिया के कार्यकारी कार्यक्रम निदेशक ने कहा कि इनोवेटर अकादमी के माध्यम से हम देख रहे हैं कि डेटा-संचालित दृष्टिकोण वास्तव में वाराणसी जैसे घने शहरी वातावरण में भीड़ नियंत्रण को कैसे प्रभावी बना सकते हैं।

वाराणसी जिलाधिकारी ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने सुझाव दिया कि भीड़ नियंत्रण योजना में दालमंडी क्षेत्र के चौड़ीकरण के बाद यातायात के नए मार्गों को शामिल किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों से सुझाव प्राप्त कर योजना को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। इस कार्यशाला में भीड़ प्रबंधन के लिए चयनित 10 कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने कार्यों का परिचय दिया और अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत की।

कार्यशाला में इनकी रही उपस्थिति

कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, अपर पुलिस आयुक्त प्रमोद कुमार, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी , डीसीपी राजेश कुमार पांडेय, वाराणसी छावनी बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्यम मोहन, वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के निदेशक अर्पित गुप्ता, अपर जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, स्मार्ट सिटी के मुख्य अभियंता अमरेंद्र तिवारी आदि की मौजूदगी रही।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

Share this story

News Hub