मानसिक रोग में सहानुभूति की नहीं, इलाज जरूरी : प्रो. संजय गुप्त

मानसिक रोग में सहानुभूति की नहीं, इलाज जरूरी : प्रो. संजय गुप्त
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मानसिक रोग में सहानुभूति की नहीं, इलाज जरूरी : प्रो. संजय गुप्त


-बीएचयू भोजपुरी अध्ययन केंद्र के सभागार में 'जनपद और स्वास्थ्य:चुनौतियाँ और समाधान' विषयक परिचर्चा

वाराणसी,28 फरवरी (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सरसुंदरलाल चिकित्सालय के मनोरोग विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर संजय गुप्ता 'खुशहाली गुरू' ने कहा कि मानसिक रोग में सहानुभूति की नहीं, इलाज जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जनपद ही नहीं, वरन हर जगह एक उपेक्षा का भाव रखा गया है। जो बेहद ही निराशाजनक अवस्था है। मानसिक स्वास्थ्य शरीर की सबसे बड़ी आवश्यकता है, मन के प्रसन्न होने से शरीर भी स्वस्थ रहता है।

प्रो. संजय गुप्त बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर स्थित भोजपुरी अध्ययन केंद्र के राहुल सभागार में केंद्र के शोध संवाद समूह की ओर से आयोजित 'वसंत सत्र' के अंतर्गत 'जनपद और स्वास्थ्य:चुनौतियाँ और समाधान' विषयक परिचर्चा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मानसिक रोगों के प्रति उपेक्षा का भाव कम हो रहा है। लोगों के मन में इसके प्रति जागरूकता बढ़ रही है। केंद्र के समन्वयक प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि जागरुक जनपद ही स्वस्थ जनपद होता है। यूरोलॉजी विभाग के आचार्य प्रो. समीर त्रिवेदी ने कहा कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना हमारा सबसे बड़ा दायित्व है । साथ ही सरकार का स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रति जागरूक दृष्टिकोण अपनाना भी आवश्यक है। इस दौरान प्रो.त्रिवेदी ने यूरोलॉजी से सम्बंधित यूरिनरी ब्लेडर से सम्बंधित समस्या, किडनी स्टोन, यूरिनरी इंफेक्शन, कैंसर आदि बीमारियों के कारण और उसके समाधान को भी बताया। स्त्री रोग विभाग की आचार्य प्रो. उमा पाण्डेय ने कहा कि पूर्वांचल के पिछड़े माहौल में मुख्य समस्या अपने ही स्वास्थ्य के प्रति लोगों की विशेषकर महिलाओं की लापरवाही है। किसी भी रोग के उपचार के लिए यह आवश्यक है कि निरंतर डॉक्टर के सम्पर्क में रहा जाए, जब तक कि हम पूर्णतः स्वस्थ न हो जाएँ। प्रो. उमा पाण्डेय ने कहा लड़कियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक और सचेत होने की आवश्यकता है। जैसे महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बचाव के लिए सरकार द्वारा लगाई जा रही एचपीवी वैक्सीन अवश्य लेनी चाहिए। जीरियाट्रिक्स विभाग की प्रो.शंख शुभ्र चक्रवर्ती ने कहा कि भारत में धीरे-धीरे बढ़ती वृद्ध जनंसख्या की उचित देखभाल के लिए यह आवश्यक है कि जीरियाट्रिक्स सम्बंधित डॉक्टरों की संख्या बढ़े। पूर्वांचल जैसे आर्थिक रूप से पिछड़े इलाके के लिए ऐसे डॉक्टरों की आवश्यकता है। गोष्ठी में रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. अमितधर द्विवेदी ने भी विचार रखें। कार्यक्रम में केंद्र की शोधार्थी अलका कुमारी व निवेदिता ने वसंत और होली गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन केंद्र की शोधार्थी शिवांगी सिंह और धन्यवाद ज्ञापन केंद्र के शोधार्थी संतोष चौबे ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/डॉ. कुलदीप

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