दिव्य अनुभूति मेला : कार्यशाला में दिव्यांग विद्यार्थियों ने दिखायी प्रतिभा
लखनऊ, 03 मार्च (हि.स.)। दिव्यांगजन द्वारा बनाये गये चित्रों, हस्तकला आदि सहित उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए चार दिवसीय प्रदर्शनी एवं कार्यशाला (दिव्य अनुभूति मेला) में विभिन्न मु्द्दों पर चर्चा हुई। यह कार्यशाला अवध शिल्पग्राम में आयोजित हुई। मेला का शुभारम्भ प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने शुक्रवार को किया था।
इस मेले में एक हजार से अधिक दिव्यांग विद्यार्थियों ने अपने-अपने कला का प्रदर्शन किया। इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें दिव्यांग बच्चों में काफी उत्साह दिखा। विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों व संस्थाओं एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के सहयोग से दिव्यांग छात्र व छात्राओं के मध्य अरूणिमा सिन्हा आर्ट प्रतियोगिता आयोजित की गयी। इसमें दिव्यांग छात्र व छात्राओं द्वारा अपनी दिव्य कला व प्रतिभा का प्रदर्शन चित्रों, पेंटिंग, क्राफ्ट आदि के माध्यम से प्रदर्शित करते हुए जनसामन्य को आकर्षित किया गया।
इसके अतिरिक्त स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालिका इण्टर काॅलेज, स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक इण्टर काॅलेज एवं स्वैच्छिक संस्था एनएबी, लखनऊ के दृष्टिबाधित छात्र व छात्राओं द्वारा तथा सीमा सेवा संस्थान, रेनबो लखनऊ, चेतना सेवा संस्थान, लखनऊ के मानसिक मंदित दिव्यांगजनों द्वारा नुकक्ड़ नाटक के माध्यम से समाज की गतिविधियों के बारे में प्रतियोगिता का प्रस्तुतीकरण किया गया। राजकीय संकेत विद्यालय, लखनऊ एवं समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय, लखनऊ के द्वारा प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया गया है।
इस मेले में एसजीपीजीआई के डा. आर. हर्षवर्धन विभागाध्यक्ष व आरग्नस ट्रांसप्लान्ट, डाॅ. अमित केसरी, असिस्टेण्ट प्रोफेसर, ईएनटी, डाॅ. रमाशंखधर, सीनियर गायनोलाइजिस्ट, डाॅ. अनीता, असिस्टेण्ट प्रोफेसर मिनेटोलाॅजी डाॅक्टर नीता सूर्यवंशी आदि ने पैनल डिस्कसन किया। डाॅ. आर हर्षवर्धन द्वारा आरग्नस ट्रांसप्लान्ट के बारे में चर्चा की गयी तथा ट्रांसप्लान्ट सम्बंधी फिल्म दिखाकर आडियन्स को जागरूक किये जाने का प्रयास किया गया। डा. अमित केसरी द्वारा श्रवण बाधित दिव्यागजनों की समस्याओं पर चर्चा की गयी। उनके द्वारा लगभग 30 से अधिक श्रवण बाधित दिव्यांगजनों को काॅक्लियर इम्प्लांड सर्जरी की गयी है। इस कार्यक्रम में डाक्टर की टीम द्वारा श्रवण बाधित दिव्यांगता से ग्रसित 230 दिव्यांगजनों को श्रवण यंत्र (कान की मशीन) प्रदान की गयी।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/पदुम नारायण
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