परिषदीय विद्यालयों के दस हजार बच्चों का बना दिव्यांगता प्रमाण-पत्र
लखनऊ, 07 अगस्त (हि.स.)। परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में अनेक दिव्यांग बच्चे भी पढ़ाई करते हैं। इनमें से अधिकांश के पास दिव्यांगता प्रमाण पत्र नहीं था। इन्हें प्रमाण पत्र के अभाव में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसको संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमके शन्मुगा सुंदरम ने परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग विद्यार्थियों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिलवाने सम्बन्धी निर्देश दिया। इसके बाद जुलाई माह से उसे अभियान के रूप में लिया गया है और अब हर ब्लाक में दिव्यांग बच्चों के प्रमाण पत्र जारी करवाने के लिए चिकित्सकों के साथ मेडिकल कैम्प लगाए जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमके शन्मुगा सुंदरम के निर्देश पर लगाए जा रहे दिव्यांग मेडिकल कैम्प में अब तक 10 हजार बच्चों का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाया जा चुका है। प्रदेश के सभी ब्लाकों में आयोजित हो रहे कैम्पों में अब तक 21 हजार 659 बच्चों का मेडिकल असेसमेंट हुआ है और 09 हजार 699 बच्चों को प्रमाण-पत्र मिल चुका है।
410 कैम्पों में 09,699 बच्चों को मिला दिव्यांगता का प्रमाण-पत्र
जुलाई माह में जिलाधिकारियों के मार्गदर्शन और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 410 मेडिकल कैम्प आयोजित हुए हैं। महज एक महीने में लगे 410 कैम्पों के माध्यम से जुलाई माह के अंत तक 09 हजार 699 बच्चों को दिव्यांगता का प्रमाण-पत्र जारी किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि इस अवधि में 21 हजार 659 बच्चों का मेडिकल असेसमेंट हुआ है।
चिकित्सकों की टीम में शामिल हैं ये विशेषज्ञ
दिव्यांग बच्चों के मेडिकल असेसमेंट के लिए लगाए जा रहे मेडिकल कैम्पों में डिप्टी सीएमओ के अलावा नेत्र विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, आर्थोपेडिक्स, मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक और अडियोलाजिस्ट शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन यादव / दिलीप शुक्ला
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