टीजीटी-पीजीटी के रिक्त पदों को स्थानान्तरण से भरने की फिराक में निदेशालय
निदेशक डा.महेन्द्र देव के व्यवहार से व्यथित हैं टीजीटी-पीजीटी अभ्यर्थी
लखनऊ, 19 जून(हि.स.)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशालय में बैठक अधिकारी अपने यहां वर्ष 2016 और 2021 के टीजीटी-पीजीटी अभ्यर्थियों के रिक्त पदों को स्थानान्तरण नीति-2024 के अंतर्गत भरने की योजना में है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक डा.महेन्द्र देव से मिलने गये टीजीटी-पीजीटी के अभ्यर्थी व्यथित हैं। निदेशक ने उन्हें अपने दफ्तर से भगा दिया। प्रशिक्षु और प्रवक्ता पद के लिए चयनित हुए अभ्यर्थियों ने निदेशक के गलत व्यवहार के बाद उनके पांव तक पकड़े, लेकिन उनके ऊपर कोई असर नहीं पहुंचा। अभ्यर्थियों ने अंत में मुख्यमंत्री के जनता दरबार का रास्ता पकड़ा। 11 जून को जनता दरबार में उनके ज्ञापन को लेकर पहुंचें अभ्यर्थियों की मुलाकात मुख्यमंत्री से नहीं हुई। फिर भी उनके ज्ञापन को आगे की कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया गया।
टीजीटी-पीजीटी चयनित अभ्यर्थियों की मानें तो उन्हें निदेशालय में बैठे निदेशक डा.महेन्द्र देव पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है। उनका आरोप है कि निदेशक अपनी मनमानी कर रहे हैं। चुनाव से पहले निदेशक ने सबके सामने काउंसलिंग के लिए कहा था और बाद में उनके पास मिलने पर वह मुकर गए। साथ ही दुर्व्यवहार कर अपने कक्ष से भगा दिया। निदेशक आने वाले दिनों में उनकी रिक्त पदों करीब 350 को भरने के फिराक में है। वह स्थानान्तरण या फिर समायोजन कर उन रिक्त जगहों को भरेंगे।
गौरतलब है कि लखनऊ की सड़कों पर घूम रहे कई बेरोजगारों की तरह उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2016, 2021 की टीजीटी-पीजीटी के प्रशिक्षु व प्रवक्ता अभ्यर्थी भी टहल रहे हैं। जो कभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने उनके जनता दरबार जाते हैं,तो कभी निदेशालय व डीजी कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/शरद/राजेश
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