डिप्टी कमिश्नर से मिले टैक्स बार एसोसिएशन तथा सीए एसोसिएशन के पदाधिकारी
- सेंट्रल एक्साइज आफिस में डिप्टी कमिश्नर विजेंद्र सिंह से जीएसटी काउंसिल की मीटिंग को लेकर विस्तार से की चर्चा
मुरादाबाद, 29 जून (हि.स.)। मुरादाबाद की तीनों टैक्स बार एसोसिएशन तथा सीए एसोसिएशन के सदस्यों ने शनिवार को सेंट्रल एक्साइज आफिस में डिप्टी कमिश्नर विजेंद्र सिंह से जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में व्यपारियों को दी गई रियायत के संबंध में मुलाकात की। जिसमें जीएसटी सुपरिटेंडेंट देवेंद्र तोमर तथा यादराम राजपूत भी शामिल रहे।
मीटिंग में डिप्टी कमिश्नर विजेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि जीएसटी कौंसिल की मीटिंग के अनुसार जीएसटी में पंजीकृत ऐसे व्यापारी जिन पर वर्ष 2017-2018, 2018-2019, 2019-2020 में धारा 73 के अंतर्गत टैक्स, ब्याज और पेनाल्टी के डिमांड नोटिस जारी हो चुके है यदि ऐसे व्यापारी 31-03-2025 तक पूरा टैक्स जमा करा देते हैं तो उन्हें ब्याज और पेनाल्टी माफ कर दी जायेगी इससे व्यापारियों को राहत मिलेगी क्योंकि इस अवधि में मुरादाबाद के बहुत सारे व्यापारियों पर नोटिस जारी किए गए थे जिसके कई व्यापारी समय से जवाब नहीं दे पाए थे। ऐसे व्यापारियों पर टैक्स, ब्याज और पेनाल्टी लग गई थी, जिससे वे परेशान थे।
अधिवक्ताओं ने आगे बताया कि ऐसे व्यापारियों को 31-03-2025 तक टैक्स जमा करने पर ब्याज तथा पेनाल्टी मे राहत मिल जाएगी। सरकार के इस नियम से वह व्यापारी अचंम्भित है जिन्होंने टैक्स के साथ ब्याज भी जमा किया तथा कई व्यापारियों द्वारा पेनाल्टी भी जमा की गई । अतः ऐसे व्यापारी जो पहले टैक्स, ब्याज और पेनाल्टी जमा कर चुके हैं, उनका शोषण हो गया।
चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा कहा गया कि ऐसे व्यापारी जो ब्याज और पेनाल्टी जमा कर चके हैं, उन्हें ब्याज और पेनाल्टी वापस की जाये जिससे व्यपारियों का नुकसान न हो। डिप्टी कमिश्नर द्वारा बताया गया कि धारा 16(4) के अंतर्गत आईटीसी क्लेम करने की समय सीमा 30-11-2021 तक बढ़ा दी गई है जिससे व्यापारियों को राहत मिलेगी, इसके अतिरिक्त जिन व्यापारियों ने जीएसटी में समाधान योजना स्वीकार कर रखी है, वह अब अपना वार्षिक रिटर्न 30 जून तक भर सकते हैं। पहले उन्हें 30 अप्रैल तक भरना होता था। यह नियम अगले वर्ष 2024-2025 से लागू होगा जिससे व्यापारियों को वार्षिक रिटर्न भरने के लिए अब 90 दिन मिलेंगे। पहले सिर्फ 30 दिन मिलते थे इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा व्यापारियों की सुविधा के लिये एक नया फॉर्म जीएसटीआर 1 ए लाया गया है, जिससे व्यापारी जिनका जीएसटीआर 1 गलत भर गया है, उसमें गलती सुधार सकते हैं।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आईकान बायोमैट्रिक बेस्ड आधार ऑथेंटिकेशन किया जाएगा। जिससे फर्जी आईटीसी के क्लेम को रोका जा सके। मीटिंग में अरविंद कुमार सिंघल, राजकमल रस्तौगी, उपदेश चंद्र अग्रवाल, राजीव टंडन, हिमांशु मेहरा, यश सिंघल, मनीष गुप्ता, विपुल कुमार अग्रवाल, गौरव गुप्ता आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/निमित/सियाराम
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