थर्ड जेंडर को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग

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थर्ड जेंडर को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग


-यूपी बोर्ड सचिव ने गम्भीरता से विचार करने का दिया आश्वासन

-जागरूकता से समस्या का होगा समाधान : कौशल्यानंद गिरि

प्रयागराज, 11 सितम्बर (हि.स.)। देश और दुनिया में सबसे बड़ी परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) में अब थर्ड जेंडर के बारे में बच्चों को शिक्षा देने की मांग उठने लगी है। यूपी किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि (टीना मां) ने यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह से मिलकर मांग की है कि यूपी बोर्ड में थर्ड जेंडर के विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। उन्होंने इस बाबत बोर्ड के सचिव को ज्ञापन भी सौंपा है।

महामंडलेश्वर ने ज्ञापन में मांग की है कि प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं को थर्ड जेंडर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में हाईस्कूल और इण्टर के पाठ्यक्रम में थर्ड जेंडर को शामिल किया जाये जिससे कि समाज में थर्ड जेंडर को उचित सम्मान मिल सके। उन्होंने कहा कि समाज में दो लिंग यानी महिला और पुरुष की बात तो होती है लेकिन थर्ड जेंडर के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता, जिससे थर्ड जेंडर खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं।

टीना मां ने कहा कि थर्ड जेंडर के बारे में देश-प्रदेश के करोड़ों छात्र-छात्राओं को कोई जानकारी नहीं है। जबकि वह भी समाज के किसी न किसी परिवार के सदस्य होते हैं। वह परिवार हमारा या आपका भी हो सकता है। ऐसे में अब जरूरी हो गया है कि थर्ड जेंडर को समाज के लोग जानें और समझें। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नालसा जजमेंट-2014 में थर्ड जेंडर का अधिकार दिया था। ऐसे में सरकारी नौकरी और अन्य भर्तियों में किन्नर-ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर में शामिल किया गया है और उनके लिए अलग से मान्यता दी गयी है। ऐसे में आपसे आग्रह है कि थर्ड जेंडर को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये जिससे कि छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को थर्ड जेंडर के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सके।

उन्होंने कहा कि यूपी में थर्ड जेंडर की आबादी करीब 15 लाख से ज्यादा है, जबकि यह संख्या देश में 50 लाख के करीब है। बहुत से घरों में थर्ड जेंडर हैं लेकिन परिवार वाले समाज से छिपाते हैं, जबकि थर्ड जेंडर का महाभारत सहित अन्य युगों में विस्तार से उनके कार्यों का वर्णन मिलता है। उन्होंने कहा कि थर्ड जेंडर को यूपी बोर्ड के नौवीं कक्षा से लेकर 12वीं के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये जिससे कि हम लोगों को समाज में सम्मानजनक स्थान मिल सके।

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने ज्ञापन लेते हुए आश्वासन दिया कि इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले पर जागरूकता की जरूरत है। जो भी सम्भव मदद होगी, वह की जाएगी। यूपी बोर्ड के सचिव ने कहा कि एनसीएफ मानविकी पर पाठ्यक्रम बना रहा है, उसी में थर्ड जेंडर को शामिल करने के लिए वार्ता करूंगा।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

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