रबी फसल की बुआई में दर्ज हुई गिरावट

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रबी फसल की बुआई में दर्ज हुई गिरावट


कानपुर,19 दिसम्बर (हि.स.)। मोटे अनाजों में बुवाई का रकबा 42.35 लाख हेक्टेयर से 2 प्रतिशत कम होकर 41.48 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। यह जानकारी मंगलवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ.एस.एन.सुनील पांडेय ने दी।

उन्होंने बताया कि इस सीजन में मोटे अनाजों में बुवाई का रकबा 42.35 लाख हेक्टेयर से 2 प्रतिशत कम होकर 41.48 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया। ज्वार का रकबा 18.32 लाख हेक्टेयर है, जो कि पिछले साल की समान अवधि से 6 प्रतिशत कम है।

2023-24 के रबी फसल सीजन में, 8 दिसंबर तक 515 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल पर रबी फसल की बुवाई हो चुकी है, जिनमें से लगभग 80 प्रतिशत क्षेत्र सामान्य है। हालांकि इसके बावजूद भी, इस वर्ष का रकबा पिछले साल के समय के मुकाबले 3 प्रतिशत कम है। जबकि 8 दिसंबर तक 529.82 लाख हेक्टेयर पर रबी फसल की बुवाई हुई थी। वहीं पिछले सप्ताह गेहूं की बुवाई में तेजी देखने को मिली, जिससे गेहूं के रकबे में थोड़ी कमी हुई।

नए आंकड़ों के मुताबिक इस साल 8 दिसंबर तक 248.94 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई, जो कि पिछले साल की इसी अवधि में 251.19 लाख हेक्टेयर थी। इस बार गेहूं का रकबा पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 0.9 प्रतिशत कम है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश में 3.22 लाख हेक्टेयर और मध्य प्रदेश में 2.88 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल पर गेहूं की बुवाई हुई है।

दलहन के रकबे में भी आई गिरावट

उन्होंने बताया कि दलहन के रकबे में भी इस वर्ष गिरावट आई है, जिसमें 8 दिसंबर तक 19.16 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई हुई, जबकि पिछले साल इस समय यह आंकड़ा 130.03 लाख हेक्टेयर था। रबी दलहन के प्रमुख क्षेत्रों में चना का रकबा 10 प्रतिशत कम होकर 81.87 लाख हेक्टेयर और मसूर का रकबा 4 प्रतिशत कम होकर 15.76 लाख हेक्टेयर रह गया है।

मोटे अनाजों में बुवाई का रकबा 42.35 लाख हेक्टेयर से 2 प्रतिशत कम होकर 41.48 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। ज्वार का रकबा 18.32 लाख हेक्टेयर है, जो कि पिछले साल की समान अवधि से 6 प्रतिशत कम है। मक्के का रकबा पिछले साल के 14.34 लाख हेक्टेयर से 2 प्रतिशत बढ़कर 14.61 लाख हेक्टेयर है। जौ की बुवाई पिछले साल के बराबर है और 7.99 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है।

तिलहन की बुआई में हुई वृद्धि

डॉ.पांडेय ने बताया कि तिलहन में सरसों की बुवाई इस वर्ष अधिक हुई है, जिसमें सरसों का रकबा पिछले साल के 87.24 लाख हेक्टेयर से 2 प्रतिशत अधिक होकर 89.18 लाख हेक्टेयर है। सभी तिलहन का रकबा इस वर्ष 95.31 लाख हेक्टेयर है, जो कि पिछले साल के 94.35 लाख हेक्टेयर से बढ़कर है। रबी धान का रकबा एक साल पहले के 11.9 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 10.74 लाख हेक्टेयर है। सबसे अधिक धान की बुवाई तमिलनाडु में हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/बृजनंदन

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