लोस हमीरपुर: निर्णायक मतदाता चुनावी महासमर में दिग्गजों को दे सकते हैं झटका

लोस हमीरपुर: निर्णायक मतदाता चुनावी महासमर में दिग्गजों को दे सकते हैं झटका
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लोस हमीरपुर: निर्णायक मतदाता चुनावी महासमर में दिग्गजों को दे सकते हैं झटका


हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी लोकसभा सीट पर भाजपा सपा में टेंशन

हमीरपुर, 05 मई (हि.स.)। हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय सीट पर अब चुनावी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं, लेकिन निर्णायक मतदाताओं ने अभी खामोशी नहीं तोड़ी है। इस बार मतदाताओं की बेरुखी देख प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। जातीय समीकरणों के तेजी से बदलने के कारण अबकी बार निर्णायक मतदाता दिग्गजों को तगड़ा झटका दे भी सकते हैं।

बुंदेलखंड की लोकसभा-47 सीट पर 20 मई को मतदान होने है। इस संसदीय सीट में पांच विधानसभाएं शामिल हैं, जिनमें महोबा और हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक सवर्ण मतदाता हैं जबकि राठ और चरखारी विधानसभा क्षेत्र में लोधी बिरादरी के मतदाताओं की बड़ी संख्या है। इसके अलावा तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ी जाति के ज्यादा मतदाता हैं। लोकसभा क्षेत्र में 18.34 लाख 444 मतदाता हैं, जिनमें सर्वाधिक 9.91 लाख 352 पुरुष और 8.43 लाख 053 महिला मतदाता हैं। राठ विधानसभा क्षेत्र में 424672 मतदाता हैं जो संसदीय क्षेत्र के अन्य विधानसभा क्षेत्रों से सर्वाधिक है।

जबकि सबसे कम मतदाताओं की संख्या महोबा विधानसभा क्षेत्र में है। इस बार जातीय समीकरण में निर्णायक मतदाता चुनावी महासमर में आए दिग्गजों को झटका देने की तैयारी में है। लोधी बिरादरी से इंडी गठबंधन में सपा प्रत्याशी अजेन्द्र सिंह राजपूत चुनावी गणित बनाने में जुटे हैं। जबकि बसपा प्रत्याशी निर्दाेष दीक्षित भी जातीय समीकरण साधने के लिए तपती धूप में चुनाव प्रचार में जुटे हैं। चुनावी विसात में ये सभी प्रत्याशी किसी से कम भी नहीं है।

तीन विधानसभा क्षेत्रों में कमल धनकुबेर प्रत्याशियों पर पड़ सकता है भारी

हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल तीसरी बार चुनाव मैदान में है। ये पिछले दस सालों से इस सीट पर काबिज है और अबकी बार यहां की सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव प्रचार में बड़ी ताकत लगा रहे हैं। सिटी एमपी और भाजपा प्रत्याशी अन्य प्रत्याशियों की तुलना में बड़े धनकुबेर है जबकि धनकुबेरों में सपा प्रत्याशी दूसरे स्थान पर है। इसीलिए भाजपा फिलहाल अन्य दलों के प्रत्याशियों पर भारी पड़ सकते हैं।

भितरघात से गठबंधन समेत अन्य प्रत्याशियों को मिल सकता है झटका

अबकी बार संसदीय क्षेत्र में भाजपा और बसपा प्रत्याशियों को झटका देने के लिए भितरघात का खेल शुरू हो गया है। भाजपा प्रत्याशी से संसदीय क्षेत्र के लोग नाराज हैं। फोन न उठाने और सुख दुख में शामिल न होने के कारण सवर्ण लोग उनसे असंतुष्ट हैं। वहीं बसपा प्रत्याशी निर्दाेष दीक्षित के खिलाफ भी बड़ी संख्या में लोग भितरघात कर रहे हैं, जिससे उनके माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है। इंडी गठबंधन की भी चुनावी गणित भितरघाती बिगाड़ने में लग गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश

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