सपा विधायक इरफान सोलंकी के आगजनी मामले में आठवीं बार टला फैसला

सपा विधायक इरफान सोलंकी के आगजनी मामले में आठवीं बार टला फैसला
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सपा विधायक इरफान सोलंकी के आगजनी मामले में आठवीं बार टला फैसला


- एमपी-एमएलए कोर्ट ने नियत की 26 अप्रैल की तारीख, लिखित बहस का दिया निर्देश

कानपुर, 20 अप्रैल (हि.स.)। महाराजगंज जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ दर्ज आगजनी के मामले में आठवीं बार शनिवार को फैसला टल गया। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने अब अगली तारीख 26 अप्रैल नियत की है। कोर्ट कुछ बिन्दुओं पर बचाव पक्ष से लिखित में बहस करना चाहती है जिसको लेकर निर्देशित किया गया है। यानी 26 अप्रैल को भी फैसला नहीं आएगा और सिर्फ लिखित बहस अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से होगी।

सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी व उसके भाई रिजवान समेत एक दर्जन लोगों पर आरोप है कि अपने आवास के पास ही नजीर फातिमा के प्लाॅट पर कब्जा करना चाहते थे। इसी को लेकर साजिशन आरोपितों ने प्लाॅट पर बनी झोपड़ी में आग लगा दी थी।

मामले की सुनवाई कानपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है और शनिवार को एक बार फिर कोर्ट ने फैसला यह कहते हुए टाल दिया कि कुछ बिन्दुओं पर लिखित बहस की जरुरत है। कोर्ट ने अगली तारीख 26 अप्रैल नियत की है। हालांकि पिछली बार की भांति इस बार भी विधायक इरफान सोलंकी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुए। वहीं उनके भाई रिजवान समेत अन्य आरोपी कोर्ट में सीधे पेश हुए।

आठवीं बार टला फैसला

आगजनी मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस एक मार्च को पूरी हो गई थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसले के लिए 14 मार्च की तारीख नियत की थी। 14 को शरीफ और शौकत को नई जमानतें दाखिल करने के लिए समय दिया गया था और 19 मार्च की तारीख नियत कर दी गई थी। 19 मार्च को न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण फैसला टल गया था और 22 मार्च की तारीख फैसले के लिए नियत की गई थी। 22 मार्च को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दोबारा संक्षिप्त बहस सुनकर फैसले के लिए 28 मार्च की तारीख नियत की थी।

28 मार्च को अदालत ने आदेश पूरा न लिख पाने के कारण फैसले के लिए 04 अप्रैल की तारीख नियत कर दी थी। इसके बाद क्रमश: छह, 15 और 20 अप्रैल की तारीख नियत थी और आज भी कोर्ट ने फैसला टाल दिया।

विधायक के वकील करीम अहमद सिद्दीकी ने बताया कि कोर्ट कुछ बिन्दुओं पर लिखित बहस दाखिल करने के लिए 26 अप्रैल की तारीख नियत कर दी है। ऐसे में 26 अप्रैल को भी फैसला आने की संभावना नहीं है। दोनों पक्षों की ओर से लिखित बहस की जाएगी और उसके बाद फैसले की तारीख मिलेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/दीपक/मोहित

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