पुण्यतिथि पर याद की गई नृत्यागंना उमराव जान,प्रशंसकोें ने कब्र पर पुष्प चढ़ाए

पुण्यतिथि पर याद की गई नृत्यागंना उमराव जान,प्रशंसकोें ने कब्र पर पुष्प चढ़ाए
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पुण्यतिथि पर याद की गई नृत्यागंना उमराव जान,प्रशंसकोें ने कब्र पर पुष्प चढ़ाए


वाराणसी,26 दिसम्बर (हि.स.)। मशहूर नृत्यांगना उमराव जान की 86वीं बरसी पर मंगलवार को प्रशंसकों ने उन्हें शिद्दत से याद किया और दरगाहे फातमान स्थित मकबरे पर फातिहा पढ़ अकीदत के फूल चढ़ाए। सामाजिक संस्था डर्बीशायर क्लब की ओर से अपरान्ह में फातमान स्थित उमराव जान की कब्र पर फातिहा पढ़ी गई और गुलपोशी की गई। इस दौरान क्लब के शकील अहमद ने कहा कि उमराव जान ने अपना अंतिम समय बनारस में ही गुजारा था। 26 दिसंबर, 1937 में इसी शहर में अंतिम सांस ली थी।

फैजाबाद में ही उमराव ने गीत संगीत और नृत्य की तालीम ली। शकील ने कहा कि उमराव के बचपन का नाम अमीरन था। नवाबों के महल में अपनी नृत्य गायन की अद्भुत प्रतिभा से उन्हें अपना दीवाना बना दिया। अमीरन को नवाबों ने उमराव जान बना दिया। इज्जत और शोहरत उनके कदम छू रही थी। अपनी शोहरत की बुलंदियों के बाद अंतिम समय में अकेलेपन से दुखी होकर उमराव वाराणसी आ गई थीं। शकील अहमद ने बताया कि उमराव के किरदार को मशहूर निर्देशक मुजफ्फर अली ने बड़े पर्दे पर देश दुनिया के सामने पेश किया तो उमराव जान का किरदार भारतीय सिनेमा में अमर हो गया। अभिनेत्री रेखा ने उमराव जान के असल किरदार को निभाकर जीवंत कर दिया।

अन्य वक्ताओं ने कहा कि उमराव जान फिल्म के गाने इक तुम ही नहीं तन्हा, उलफत में मेरी रुसवा, इस शहर में तुम जैसे दीवाने हजारों हैं…पर अभिनेत्री रेखा के लाजवाब अभिनय ने उमराव के असल किरदार को नई पीढ़ी से भी रूबरू करा दिया। दूसरी फिल्म में अभिनेत्री ऐश्वर्या राय ने भी उमराव जान की जीवंत भूमिका निभाई। कार्यक्रम में प्रमोद वर्मा, हैदर हुसैन, आफाक हैदर, चिंतित बनारसी, नौशाद अंसारी, जीशान, बल्ले शर्मा, वकील अहमद आदि ने भागीदारी की।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

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