सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए तकनीकी विशेषज्ञ बनाएगा सीएसजेएम विश्वविद्यालय
- नए पाठ्यक्रम के जरिए सीएसजेएमयू करेगा रोजगार के अवसरों का विस्तार
कानपुर, 26 जून (हि.स.)। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं तकनीकी के क्षेत्र में सेमीकंडक्टर की महत्ता को देखते हुए भारत सरकार तेजी से सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की दिशा में अपने कदम बढ़ा रही है। आने वाले समय में भारत में सेमीकंडक्टर के तकनीकी ज्ञान में दक्ष विशेषज्ञों एवं इंजीनियरों की मांग बहुत तेजी से बढ़ने वाली है। इसी को देखते हुए छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) इंटीग्रेटेड बीएससी, एमएससी इलेक्ट्रॉनिक्स पाठ्यक्रम (वीएलएसआई व आईओटी विशेषज्ञता के साथ) संचालित कर रहा है।
सीएसजेएमयू को अपने कार्यकाल में विभिन्न विशिष्ट उपलब्धियां दिलवाने वाले एवं दूरगामी विजन को रखने वाले कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को भांप लिया है। इसी के तहत सीएसजेएमयू कैंपस के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में गत वर्ष से इंटीग्रेटेड बीएससी एमएससी इलेक्ट्रॉनिक्स पाठ्यक्रम (वीएलएसआई व आईओटी विशेषज्ञता के साथ) शुरू कराया है। यह पाठ्यक्रम शुरू करने वाला सीएसजेएमयू प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। सेमीकंडक्टर चिप निर्माण कंपनियां तेजी से भारत में आ रही हैं। ऐसे में यह पाठ्यक्रम छात्रों के भविष्य और करियर को ध्यान में रखकर लॉन्च किया गया है। पांच वर्ष के इस पाठ्यक्रम में इंटर पास छात्र प्रथम वर्ष में तथा स्नातक पास छात्र सीधे चतुर्थ वर्ष में प्रवेश ले सकते हैं। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्र न केवल भारत में बल्कि अन्य विदेशी बाजारों में भी सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता को अपना सकेंगे।
भारत और ताइवान मिलकर करेंगे काम
सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत और ताइवान साथ मिलकर काम करेंगे। इस संबंध में प्रतिनिधि मंडल के साथ ताइवान गए भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में मिलकर कार्य करने की सहमति बनी है। जिसका लाभ भविष्य में छात्रों को मिलना तय है। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अमेरिका के बाद जापान सहित कई देश भारत के साथ वैश्विक भागीदारी करना चाह रहे हैं। भारत एक बड़ा बाजार है और नए उभरते बाजार में इस क्षेत्र के विशेषज्ञों की कमी है अतः भविष्य में इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं देखी जा रही हैं। छात्र प्रवेश प्रक्रिया सीटों की रिक्तिता एवं अन्य जानकारी पाठ्यक्रम के प्रवेश प्रभारी डॉ. अजय तिवारी से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं।
स्कूल ऑफ होटल मैनेजमेन्ट विभाग में प्रवेश शुरू
विश्वविद्यालय में संचालित स्कूल ऑफ होटल मैनेजमेन्ट विभाग में बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेन्ट एण्ड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, मास्टर ऑफ होटल मैनेजमेन्ट एण्ड कैटरिंग टेक्नोलॉजी एवं डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश प्रारम्भ हो गया है। जिन अभ्यर्थियों को इस कोर्स के लिए प्रवेश लेना हो वह सामर्थ पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा कर स्कूल ऑफ होटल मैनेजमेन्ट विभाग विश्वविद्यालय परिसर में आकर अपना प्रवेश ले सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/दीपक/मोहित
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