शैक्षणिक अभिमुखीकरण के साथ आधुनिक एवं सतत कृषि पद्धतियों से रुबरु हुए छात्र

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शैक्षणिक अभिमुखीकरण के साथ आधुनिक एवं सतत कृषि पद्धतियों से रुबरु हुए छात्र


कानपुर, 22 दिसंबर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कम्पनी बाग़ स्थित चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए आयोजित दीक्षारंभ सह-ओरिएंटेशन कार्यक्रम अपने ग्यारहवें दिन में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया है। यह जानकारी सोमवार को कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. सी. एल. मौर्या ने दी।

अधिष्ठाता डॉ. सी. एल. मौर्या ने बताया कि यह कार्यक्रम शैक्षणिक अभिमुखीकरण के साथ-साथ आधुनिक एवं सतत कृषि पद्धतियों से विद्यार्थियों को अवगत कराने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।

डॉ सी एल मौर्या ने बताया कि सस्य विज्ञान विभाग के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. एम. जेड. सिद्दीकी ने प्राकृतिक खेती एवं समन्वित कृषि प्रणाली विषय पर एक प्रेरणादायी व्याख्यान दिया। उन्होंने रासायनिक आदानों पर निर्भरता कम करने, पर्यावरण-अनुकूल पद्धतियों को अपनाने तथा फसल, पशुधन एवं सहायक गतिविधियों के एकीकरण पर बल देते हुए सततता, मृदा स्वास्थ्य और किसानों की आय में वृद्धि के महत्व को रेखांकित किया।

सब्जी विज्ञान विभाग के कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव द्वारा दिया गया, जिसमें उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था में बागवानी की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने रोजगार सृजन, पोषण सुरक्षा, निर्यात आय तथा कृषि विविधीकरण में बागवानी फसलों के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया।

टिचिंग एसोसियेट के डॉ. विनीत धीर ने सतत विकास एवं पृथ्वी के संरक्षण में जैविक खेती की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि जैविक खेती न केवल प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करती है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और दीर्घकालिक पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कार्यक्रम में डॉ. राजीव कुमार, डॉ. अरुण कुमार एवं डॉ. अनुराग कुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनकी सहभागिता से सत्र की शैक्षणिक गरिमा और अधिक सुदृढ़ हुई। संकाय सदस्यों ने विद्यार्थियों को अपने भविष्य के करियर में नवोन्मेषी, सतत एवं किसान-केन्द्रित दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद

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