हनुमान मेले में उमड़ी भक्तो की भीड, लाखों लोगों ने की पूजा अर्चना
हमीरपुर, 28 नवम्बर (हि.स.)। सुमेरपुर क्षेत्र के इटरा के हनुमान मंदिर में मंगलवार को आयोजित मेले के प्रथम दिन आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने पाताली प्राचीन हनुमान मूर्ति में प्रसाद चढ़ाकर आस्था जतायी। मंदिर की प्रदक्षिणा की। मंदिर के निर्माण में दान दिया और मेले का आनन्द उठाया। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर मेला स्थल में जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा।
मेले में भीड़ से बचने के लिये भोर से ही वहां लोगों के पहुंचने का शिलशिला प्रारम्भ हो गया था जो देर शाम तक जारी रहा। दोपहर 12 बजे तक मेले में भक्तों की भारी भीड़ जमा हो गयी थी। यातायात इतना बढ़ गया था कि आवागमन में कठिनाई हो रही थी। लोग विभिन्न वाहनों के द्वारा मय परिवार के वहां पहुंच रहे थे तो काफी संख्या में लोग पैदल ही वहाँ जा रहे थे और वापस भी लौट रहे थे। मंदिर परिसर में प्रसाद चढाने एवं मंदिर की परिक्रमा लगाने तथा अपने आराध्य के प्रति आस्था जताने के लिए लोग पीछे नहीं हट रहे थे।
सुबह से शाम तक मंदिर परिसर हनुमान जी की जय-जयकारों से गूंजता रहा। वहां पर राम नाम का संकीर्तन भी चल रहा था,जिसमे लोग बारी बारी से सहभागी हो रहे थे, वहां साधु-संतों का जमावड़ा था जहां पहुंच कर लोग सत्संग का लाम भी हासिल कर रहे थे। मेले में खानपान, मनोरंजन,खेल खिलौनों की दुकानें लगी थी जहां स्त्री पुरुष बच्चे खरीददारी कर रहे थे, मेले में मन्दिर निर्माण के लिए लोग दान भी दे रहे थे, सुरक्षा के लिए वहां भारी संख्या में पुलिस फ़ोर्स तैनात रहा, मेला अभी दो दिन और चलेगा जिसमे दंगल, संत समागम सहित कई कार्यक्रम आयोजित होंगे।
हनुमान जी की महिमा का परिणाम है इटरा का विशाल मेला
हनुमान आश्रम के महंत स्वामी वेदानंद सरस्वती उर्फ बलराम दास का कहना है कि हनुमान मेले में उमडा आस्था का जनसैलाब हनुमान जी की महिमा का परिणाम है, इस मंदिर में हनुमान लला की पाताली मूर्ति स्पष्ट फल देने वाली है जो भी सच्चे मन से यहां आता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। इसीलिये यह पावन स्थल तीर्थ बन गया है। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को यहाँ मेला जैसा नजारा दिखाई देता है किन्तु कार्तिक पूर्णिमा के बाद लगने वाले तीन दिवसीय मेले में अनिगिनत भक्त यहाँ दोडे-चले आते है यह सब उन्ही की महिमा का ही फल है। स्वामी जी ने बताया कि हनुमान मंदिर का भव्य निर्माण जारी है लोगों के आर्थिक सहयोग से मंदिर भव्य दिव्य होता जा रहा है। उनका कहना था कि दान देना सबसे बड़े पुण्य का काम है जो उचित स्थान पर दान देते है उनका सहयोग स्वागत योग्य है,स्वामी जी ने यह भी बताया कि यह मेला प्राचीन है सैकड़ों वर्ष से यहाँ मेला लगता आया है। हनुमान जी कृपा से आगे भी यह मेला इसी तरह चलता रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/बृजनंदन
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