समावेशी एवं समस्पर्शी के साथ देश के भविष्य निर्माण का बजट : डॉ एनसी अग्रवाल

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समावेशी एवं समस्पर्शी के साथ देश के भविष्य निर्माण का बजट : डॉ एनसी अग्रवाल


प्रयागराज, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार द्वारा देश का अंतरिम बजट पेश किए जाने पर राजनीतिक एवं प्रबुद्ध वर्गों द्वारा प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जा रही हैं। वरिष्ठ सीए डॉ नवीन चंद्र अग्रवाल का कहना है कि यह बजट समावेशी एवं समस्पर्शी के साथ देश के भविष्य निर्माण का बजट है।

डॉ एन.सी अग्रवाल ने कहा कि इस बजट में प्रमुख जाति, गरीब महिला, युवा एवं किसान को केंद्र में रखा गया है। देश को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण से बुनियादी ढांचे पर बड़ा फॉकस है। मध्यम वर्ग के लिए आवास योजना प्रारम्भ करना सराहनीय कदम है। चुनौतियों के बावजूद वित्तीय घाटा कम हुआ है जो अनुशासन को प्रदर्शित करता है। सरकार का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों से संग्रहण प्रतिमाह घोषित किया जाता है जो पारदर्शिता को परिलक्षित करता है।

उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के सम्बंध में एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया जाएगा। दिशा निर्देशक के अंतर्गत सामाजिक न्याय और हर क्षेत्र में तकनीकी के प्रयोग को भी बताया गया है। आयकर की मांगों के सम्बंध में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। तदनुसार वित्तीय वर्ष 2010-11 तक की 25,000 रुपए की मांगों को अपलिखित कर दिया जाएगा तथा वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2015-16 की 10,000 रू. तक की मांग भी समाप्त कर दी जाएगी। जिससे लगभग एक करोड़ करदाताओं को लाभ होगा तथा आयकर विभाग बड़ी मांगों पर केंद्रित कर सकेगा।

-अंतरिम बजट में कुछ ज्यादा रियायत की थी उम्मीद : सुशांत केसरवानी

प्रयागराज व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुशांत केसरवानी ने प्रस्तुत किये गये अंतरिम बजट को मिला-जुला बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में युवा, गरीब, महिला एवं किसानों को प्राथमिकता दी गई है जो स्वागत योग्य है।

जिलाध्यक्ष सुशांत केसरवानी, चेयरमैन मनीष कुमार गुप्ता, कार्यवाहक नगर अध्यक्ष संतोष गुप्ता, वरिष्ठ महामंत्री विजय केसरवानी ने बजट को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने वाला संतुलित बजट करार दिया।

वहीं, युवा जिलाध्यक्ष प्रियंक कुमार गुप्ता ने बजट पर निराशा जताते हुए कहा की रियल स्टेट को उद्योग का दर्जा देने की मांग थी, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा कि कोई भी योजना सीधे व्यापारियों को लाभ पहुंचाने वाली नहीं है। चुनावी वर्ष में कुछ आकर्षक योजनाओं की उम्मीद थी। पेट्रोल, डीजल को जीएसटी में लाने की पुरानी मांग पर भी विचार नहीं किया गया है। लेकिन सरकार द्वारा आयकर की पिछले साल की ही तरह 7 लाख तक पूर्ण टैक्स मुक्त किए जाने 1 लाख करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण हेतु फंड बनाए जाने से नये उद्यमियों और व्यापारियों को प्रोत्साहन मिलेगा। व्यापारियों की सुगमता के लिए 2009-10 तक बकाए 25000 तथा 2010 से 2014 तक 10000 डायरेक्ट टैक्स की मांग को समाप्त किया गया। रेल विभाग ने 40000 बोगियों को वन्दे भारत की तर्ज पर आधुनिक किया जाना, 30 करोड़ मुद्रा लोन दिया जाना व्यापार को बढ़ावा देने वाला है। इसके अतिरिक्त देश में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री सोलर योजना को बढ़ावा दिया जाना गर्व का विषय है। देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और विश्व में पांचवें स्थान पर पहुंच चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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