विधायिका में बढ़ा है भ्रष्टाचार - राज बहादुर सिंह चंदेल
उन्नाव ,10 मार्च (हि.स.)। जनपद के प्रमुख क्रांति धर्मा कवि स्वर्गीय धर्मेंद्र आलोक की संपूर्ण रचनाओं के संकलन आलोक पर्व का स्थानीय विशंभर दयाल त्रिपाठी राजकीय पुस्तकालय में शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल ने लोकार्पण किया ।
इस अवसर सदस्य विधान परिषद श्री चंदेल ने कहा कि साहित्य समाज को दिशा देता है। साहित्यकारों का हर हाल में महिमा मंडल होना चाहिए उन्होंने आगे कहा कि आलोक ने एक ईमानदार क्रांतिकारी का काम किया उनके विचारों से प्रेरणा लेने की जरूरत है उन्होंने आगे कहा कि आज विधायिका में भ्रष्टाचार बढ़ा है इस पर सर्व समाज को और स्वयं जनप्रतिनिधियों को भी चिंतन और गहन मंथन करना होगा। सभागार में जनपद और नगर के अनेक साहित्यकार एवं प्रबुद्ध नागरिक ने भागीदारी की।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉक्टर ओमप्रकाश दीक्षित ने आलोक पर्व के प्रकाशित होने को जनपद के लिए गौरव का विषय बताया ।और कहा कि आलोक का सृजन क्रांति और प्रेम सौंदर्य का श्रेष्ठ प्रतिमान है । कमलेश नाथ अवस्थी डॉ महेश चंद्र मिश्र विधु डॉ सुरेंद्र मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार दीक्षित राम सिंह दिनेश प्रियजन सुशील मिश्रा योगेंद्र तिवारी के के मिश्रा जय कृष्ण पांडे महेंद्र त्रिपाठी आर पी वर्मा उमाशंकर यादव सहित अनेक वक्ताओं ने धर्मेंद्र आलोक की जयंती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डाला। श्रद्धांजलि अर्पित की समारोह का शुभारंभ एम एल सी चंदेल व अतिथियों ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ ।
अतिथियों का स्वागत आलोक की पुत्री सुरभि रीति ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालय प्रभारी कीरत दीक्षित एवं शिखा मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार। डॉक्टर रामनरेश ने किया। इस अवसर पर कई लोग उपस्थित रहे।
हिंदुस्थान समाचार/ अरुण कुमार दीक्षित/बृजनंदन
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