जीवंत अनुसंधान और नवाचार संस्कृति के दृढ़ विश्वास की अभिव्यक्ति : अभय करंदीकर

जीवंत अनुसंधान और नवाचार संस्कृति के दृढ़ विश्वास की अभिव्यक्ति : अभय करंदीकर


जीवंत अनुसंधान और नवाचार संस्कृति के दृढ़ विश्वास की अभिव्यक्ति : अभय करंदीकर


-भारत-जर्मनी स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार-संचालित साझेदारी को देगा बढ़ावा

कानपुर, 11 जून (हि.स.)। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने रविवार को कहा कि जर्मन सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन दिल्ली ने इनक्यूबेटर्स कनेक्ट की इस महान पहल में स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के माध्यम और आईआईटी कानपुर की सक्रिय भागीदारी जीवंत अनुसंधान और नवाचार संस्कृति के दृढ़ विश्वास की अभिव्यक्ति है, जो राष्ट्र के व्यापक हित के साथ संरेखित है।

करंदीकर ने कहा कि मेरा मानना है कि इस पहल में भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की क्षमता है। विशेष रूप से फलते-फूलते स्टार्टअप इकोसिस्टम में आपसी समझ को बढ़ावा देकर, ज्ञान के आदान-प्रदान की सुविधा और स्टार्टअप पहल के माध्यम से सांस्कृतिक बातचीत को बढ़ावा देकर, दोनों देश स्थायी संबंध बना सकते हैं।

उन्होंने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने अपने टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर, स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के माध्यम से जर्मन सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन दिल्ली ने आयोजित प्रतिष्ठित इनक्यूबेटर कनेक्ट प्रोग्राम में अपनी भागीदारी की घोषणा की है। 04 जून से 09 जून तक जर्मनी में हुई यह परिवर्तनकारी सप्ताह भर की पहल में भारत और जर्मनी, दोनों के इनक्यूबेटरों के निदेशकों और प्रबंधकों को एक साथ लाई। प्रमुख प्रतिभागियों में एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर के साथ कार्यक्रम ने लगभग 15 इन्क्यूबेटरों, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यालयों (टीटीओ) और उद्यमिता-केंद्र संस्थानों के अभिसरण को सफलतापूर्वक सुगम बनाया।

हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/दिलीप

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