उप्र में कमर-तोड़ स्पीड ब्रेकर की जगह टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर का होगा निर्माण

उप्र में कमर-तोड़ स्पीड ब्रेकर की जगह टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर का होगा निर्माण
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उप्र में कमर-तोड़ स्पीड ब्रेकर की जगह टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर का होगा निर्माण


लखनऊ, 08 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में 15 से 31 दिसम्बर तक चलने वाले सड़क सुरक्षा पखवाड़ा को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। पखवाड़े के दौरान सड़क की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए रोड इंजीनियरिंग पर फोकस किया जाएगा। मार्गों पर कमर-तोडू स्पीड ब्रेकर के स्थान पर टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर का निर्माण कराया जाएगा तथा उस पर थर्माेप्लास्टिक पेंट्स, कैट-आई आदि अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मार्गों को गड्ढा मुक्त रखने के साथ ही क्षतिग्रस्त पटरियों एवं अवैध कट्स का सुधारीकरण भी जल्द से जल्द कराया जाएगा। यही नहीं, प्रत्येक शहरों तथा मार्गों के सर्विस लेन पर जगह-जगह पर आवश्यकतानुसार सीसीटीवी कैमरे, एएनपीआर कैमरे लगाए जाएंगे। पखवाड़े के दौरान योगी सरकार का फोकस लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ ही बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती करने का भी है।

इमरजेंसी केयर पर भी दिया जाएगा ध्यान

प्रवक्ता ने बताया कि सरकार सड़क सुरक्षा के साथ-साथ इमरजेंसी केयर को लेकर भी गंभीर है। पखवाड़े के दौरान इस पर विशेष फोकस रहेगा। कार्य योजना के अनुसार, एनएचएआई के टोल प्लाजा पर स्थापित मेडिकल ऐड पोस्ट को उच्चीकृत किये जाने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। इमरजेंसी केयर के तहत, राजस्व विभाग के आपदा मित्रों एवं पेट्रोल पंप ढाबा कार्मिको, वाहन मैकेनिक को स्वास्थ्य विभाग द्वारा फर्स्ट रिस्पांडर प्रशिक्षण कराया जाएगा, जबकि कामर्शियल चालकों के लिए हेल्थ कार्ड अनिवार्य रूप से जारी किए जाएंगे। ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण बिना हेल्थ चेक-अप के न किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

बड़े पैमाने पर किया जाएगा प्रचार प्रसार

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के स्तर से सड़क सुरक्षा पखवाड़े की मॉनीटरिंग के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत 12 अक्टूबर 2023 को अधिसूचित उत्तर प्रदेश सड़क दुर्घटना जांच योजना-2023 के क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक जनपद में तीन या अधिक सड़क दुर्घटना, मृत्यु वाली दुर्घटनाओं की जांच के लिए दुर्घटना जांच समिति एवं जनपद स्तरीय समन्वय समिति के गठन की कार्यवाही जिला प्रशासन के स्तर पर की जाएगी। प्रदेश के समस्त सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स में मूवी की शुरुआत एवं इंटरवल में सड़क सुरक्षा के वीडियों अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे। शराब की समस्त दुकानों (ठेके, मॉडल शॉप, बार) पर नशे की हालत में वाहन न चलाने के होर्डिंग अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे। शहरों एवं महत्वपूर्ण मार्गों पर अतिक्रमण हटाए जाने की कार्यवाही की जाएगी तो कोहरे के दृष्टिगत प्रभावी पेट्रोलिंग की कार्यवाही भी सुनिश्चित होगी।

सख्त एक्शन की भी तैयारी

-प्रवर्तन कार्यों की जिम्मेदारी पुलिस एवं परिवहन विभाग के जिम्मे होगी। इसके तहत सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी पर बनी कमेटी द्वारा निर्देशित अभियोग रेड लाइट जंपिंग, ओवरस्पीडिंग, वाहन चालते समय मोबाइल फोन का उपयोग, ओवरलोडिंग, ड्रंकन ड्राइविंग, हेलमेट-सीटबेल्ट, रांग साइड ड्राइविंग में प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

-लगातार तीन बार से अधिक चालान किए गए अभियोगों में चालक के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी तथा इसके पश्चात भी ऐसे चालकों द्वारा अपराध की पुनरावृत्ति की गई तो वाहनों के पंजीयन निलंबन और निरस्तीकरण की कार्यवाही होगी।

-इसके अतिरिक्त मालयानों में खनन परिवहन में ओवरलोडिंग पाए जाने पर उसके उद्गम स्थल पर ही जिलाधिकारी द्वारा गठित टास्क फोर्स के माध्यम से प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही की जाएगी।

-स्कूली वाहनों की फिटनेस की सुनिश्चितता के लिए नियमित रूप से जांच किए जाने तथा मानक अनुरूप न पाए जाने की दशा में प्रभावी प्रवर्तन की कार्यवाही की जाएगी।

-विद्यालय-यान नियमावली के अनुसार स्कूली वाहनों की निर्धारित आयु के पश्चात स्कूली वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाएगा।

-नगरीय क्षेत्रों में ई-रिक्शा, ऑटोरिक्शा, टैक्सी के पंजीकरण का सत्यापन किया जाएगा एवं उनके मार्ग निर्धारित किए जाएंगे। अवैध ई-रिक्शा, ऑटोरिक्शा, टैक्सी स्टैंड की पहचान की जाएगी और प्रवर्तन कार्यवाही करते हुए सड़कों से हटाया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/पीएन द्विवेदी/दिलीप

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