मेरठ नगर निगम की बैठकों में होता रहा है वंदे मातरम पर विवाद

मेरठ नगर निगम की बैठकों में होता रहा है वंदे मातरम पर विवाद


मेरठ, 26 मई (हि.स.)। नगर निगम के महापौर और पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह हंगामे और मारपीट की भेंट चढ़ गया। विवाद की जड़ मुस्लिम पार्षदों द्वारा राष्ट्रगीत वंदे मातरम के गायन से परहेज करना रहा। इससे पहले भी मेरठ नगर निगम की बैठकों में वंदे मातरम गाने को लेकर विवाद होता रहा है।

मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठकों में राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाने को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं। नगर निगम की बोर्ड बैठकों में जब से वंदे मातरम का गायन शुरू हुआ है तो हंगामा, विवाद, मारपीट, बैठक का बहिष्कार की घटनाएं होती रही हैं। बैठकों में भाजपा पार्षद तो वंदे मातरम गाते हैं, लेकिन विभिन्न दलों के मुस्लिम पार्षद इसका विरोध करते हैं। वंदे मातरम के अपमान को लेकर कई बार भाजपा और सपा-बसपा-कांग्रेस पार्षदों के बीच मारपीट की घटनाएं हुई हैं। 2006 में प्रचंड जीत के साथ महापौर चुनी गई भाजपा की मधु गुर्जर के कार्यकाल में वंदे मातरम को लेकर लगातार हंगामे और मारपीट होती रही। 2012 में महापौर चुने गए हरिकांत अहलूवालिया का कार्यकाल भी नगर निगम में हंगामे, मारपीट, बहिष्कार की भेंट चढ़ा रहा। इसके बाद तो परंपरा सी बन गई कि वंदे मातरम का गायन शुरू होते ही मुस्लिम पार्षद सदन से वाक आउट करने लगे। बसपा टिकट पर महापौर बनी सुनीता वर्मा के कार्यकाल में भी बोर्ड बैठकों में वंदे मातरम को लेकर कई बार टकराव हुआ।

राष्ट्रगीत होने के बाद भी गाने से करते हैं परहेज

विवाद का असली कारण राष्ट्रगीत ’वंदे मातरम’ का मुस्लिम पार्षदों द्वारा गायन नहीं करना है। नगर निगम की बोर्ड बैठकों में भाजपा पार्षद को खड़े होकर वंदे मातरम का गायन करते हैं, लेकिन बसपा, सपा, कांग्रेस आदि दलों के मुस्लिम पार्षद बैठे रहते हैं या नारेबाजी करते हुए बैठक से बाहर चले जाते हैं। राष्ट्रगीत के इस अपमान पर भाजपा पार्षद उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा करते हैं।

सरकारी मशीनरी के बीच हुआ जमकर हंगामा

चौधरी चरण सिंह विवि के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में शुक्रवार को महापौर हरिकांत अहलूवालिया और 90 पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। मंच पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल, सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, आयुक्त सेल्वा कुमारी जे., भाजपा नेता सुनील भराला, विनीत अग्रवाल शारदा समेत कई नेता मौजूद थे। जबकि जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, एसपी सिटी पीयूष कुमार समेत पूरी सरकारी मशीनरी मौजूद थी।

नगर निगम के क्लर्क वैभव ने पहले वंदे मातरम का गलत उच्चारण कर दिया। इससे सांसद लक्ष्मीकांत और राजेंद्र अग्रवाल भड़क उठे और क्लर्क को फटकार लगाने के बाद फिर से वंदे मातरम का गायन शुरू कराया। इसके बाद मुस्लिम पार्षद वंदे मातरम के गायन के दौरान खड़े नहीं हुए तो हंगामा शुरू हो गया। आरोप है कि भाजपा पार्षदों ने एआईएमआईएम पार्षदों के साथ मारपीट की। इसे लेकर मुस्लिम पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। डीएम और एसपी सिटी ने राजनीति नहीं करने का हवाला देकर मुस्लिम पार्षदों को शांत किया। डीएम ने कहा कि यह किसी एक पार्टी का कार्यक्रम नहीं है, इसलिए शांत हो जाएं।

आगामी बैठकों को लेकर खड़ी हुई नई चुनौती

नगर निगम की सरकार का गठन होने के बाद अब बोर्ड बैठकों का दौर शुरू होगा। बोर्ड बैठकों की शुरुआत में वंदे मातरम का गायन होता है। ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह की तरह ही बोर्ड बैठकों में भी एआईएमआईएम के पार्षद वंदे मातरम गायन का विरोध करेंगे। इन पार्षदों का साफ कहना है कि वंदे मातरम एक धार्मिक गीत है, इसलिए इसे नहीं गाएंगे। ऐसे में महापौर हरिकांत अहलूवालिया के सामने बोर्ड बैठकों को सुचारु रूप से चलाने की चुनौती खड़ी हो गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप/डॉ. कुलदीप/सियाराम

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