कठपुतली के माध्यम से छात्रों को संवैधानिक मूल्यों को समझाया गया
—संविधान की बात कठपुतली के साथ कार्यक्रम का आगाज
वाराणसी, 08 अगस्त (हि.स.)। भारतीय संविधान की हीरक जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत हो चुकी है। इसी क्रम में सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट ने वाराणसी के कठपुलती कलाकारों की टीम 'क्रिएटिव पपेट आर्ट्स ग्रुप' के साथ मिलकर एक अभिनव प्रयास शुरू किया है। छात्रों को संवैधानिक मूल्य, मौलिक अधिकार, कर्तव्य और संविधान की उद्देशिका का अर्थ समझाने के लिए कठपुतलियों को माध्यम बनाया गया है।
गुरुवार को संविधान की बात कठपुतली के साथ कार्यक्रम का आगाज केन्द्रीय विद्यालय भंदहा कला में हुआ। केन्द्रीय विद्यालय में इसकी प्रथम प्रस्तुति हुई। इसके बाद जूनियर हाई स्कूल मुर्दहा बाजार में भी नाटक की प्रस्तुति की गयी। साथ में पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई गयी। ग्रुप के निदेशक मिथिलेश दुबे ने बताया कि लगभग आधे घंटे की प्रस्तुति में हम रोचक तरीके से संवैधानिक मूल्यों से बच्चों को परिचित कराने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि बच्चे जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में अग्रसर हों। उन्होंने बताया कि अगले एक साल में हम लगभग 100 विद्यालयों में ऐसी प्रस्तुतियाँ करेंगे। ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने बताया कि बच्चों को अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति सचेत करने के लिए कठपुतली को माध्यम बनाया गया। इससे विलुप्त हो रही कठपुतली विधा का भी संरक्षण हो सकेगा। केन्द्रीय विद्यालय आयर की प्रधानाचार्या संगीता पाठक ने इस प्रयास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कठपुतली नाटक द्वारा समता, एकता, बंधुत्व जैसे सन्देश बच्चों के लिए बहुत ही रोचक तरीके से प्रस्तुत किये गये।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / दिलीप शुक्ला
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