संसदीय सीट से पूर्व मंत्री के बेटे पर कांग्रेस लगा सकती है दांव
हमीरपुर, 07 फरवरी (हि.स.)। हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट के लिए इस बार पूर्व मंत्री के बुजुर्ग बेटे पर कांग्रेस दांव लगा सकती है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी में उनके नाम पर फैसला लेने को मंथन शुरू हो गया है। पूर्व मंत्री के बेटे के अलावा पिछड़ी और सामान्य जाति के भी तमाम लोगों ने भी लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए पार्टी से टिकट मांगा है। इनमें कई नए चेहरे भी शामिल है जो अभी से जनसम्पर्क अभियान में जुट गए हैं।
हमीरपुर नगर के रहुनियां धर्मशाला मुहाल निवासी उदित नारायण शर्मा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में राजस्व मंत्री बनाए गए थे। ये सबसे पहले झांसी सीट से विधानसभा चुनाव में एमएलए बने थे। इसके बाद महोबा और जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में एमएलए बने थे। उदित नारायण शर्मा उत्तर प्रदेश की सरकार में दो बार राजस्व मंत्री रहे थे। वर्ष 1980 में विधानसभा की जहानाबाद सीट के चुनाव के समय इन्हें गोलियों से भून डाला गया था। इस घटना से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। उदित नारायण शर्मा का शव हमीरपुर लाया गया था, जहां अंतिम संस्कार में पूर्व पीएम चन्द्रशेखर समेत तमाम शीर्ष नेता शामिल हुए थे।
पूर्व मंत्री की हत्या के बाद उनके पुत्र जगदीश नारायण शर्मा ने विरासत संभाली। वर्ष 1981 में जहानाबाद विधानसभा के उपचुनाव में वह एमएलए बने थे। उन्होंने सहानुभूति में बंपर वोट मिले थे। 1985 में विधानसभा चुनाव में जगदीश नारायण शर्मा ने हमीरपुर सदर विधानसभा की सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। कांग्रेस के टिकट से ये चुनाव मैदान में आए और बंपर वोटों से उन्होंने जीत का परचम फहराया। जगदीश नारायण शर्मा ने जातीय समीकरण के फेर में बाहुबली अशोक सिंह चंदेल को करारी शिकस्त दी थी। उन्हें 29939 वोट मिले थे।
पूर्व मंत्री के बेटे ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने का किया फैसला
पूर्व मंत्री के पुत्र जगदीश नारायण शर्मा ने इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी से उन्होंने टिकट भी मांगा है। जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हिमांशु सैनी ने बताया कि पूर्व विधायक जगदीश नारायण शर्मा ने हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया है। उनके नाम पर फैसला शीर्ष नेताओं को लेना है। पार्टी इनकी उम्मीदवारी को लेकर मंथन कर रही है।
बताया कि जिला कांग्रेस कमेटी बांदा के जिलाध्यक्ष प्रद्युम दुबे उर्फ लालू दुबे, पूर्व प्रांतीय सचिव कांग्रेस देवेन्द्र मोहन चौबे, पीसीसी मेम्बर संजय वीर सिंह लोधी, जिला उपाध्यक्ष डा. शाहिद अली, राकेश सिंह महोबा, अभिषेक राजपूत, अजय गुप्ता व लोकभूषण राजपूत समेत दस और लोगों ने आवेदन किया है।
जातीय समीकरण के फेर में दो बार विधानसभा के चुनाव में मिली थी मात
कांग्रेस के जमीनी नेता जगदीश नारायण शर्मा पेशे से अधिवक्ता है। पूर्व मंत्री रहे इनके पिता की हत्या के बाद इन्होंने पहली बार राजनीति में इन्ट्री ली थी। ये हमीरपुर सदर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक भी रहे। इन्होंने सदर विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस के टिकट से किस्मत चमकाने को वर्ष 1989 के चुनावी दंगल में आए थे, लेकिन जातीय समीकरण के उलटफेर में इन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। मात्र 11466 मत पाकर ये तीसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में भी इन्होंने फिर घर-घर जाकर वोट मांगे लेकिन जनता ने इन पर भरोसा नहीं जताया। इन्हें 5048 मत ही मिल सके। इसके बाद इन्होंने लम्बे समय तक चुनाव से दूरी बना ली। और अब इस बार लोकसभा चुनाव की तैयारी में ये जुट गए है।
हिन्दुस्थान समाचार/पंकज//राजेश
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