आईसीटी शिक्षा-शिक्षर्थियों के कौशल व सर्वांगीण विकास में सहायक : डॉ जगप्रीत कौर

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आईसीटी शिक्षा-शिक्षर्थियों के कौशल व सर्वांगीण विकास में सहायक : डॉ जगप्रीत कौर


--‘मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ का समापन

प्रयागराज, 01 मार्च (हि.स.)। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ के अंतर्गत ईश्वर शरण पीजी कॉलेज द्वारा सातवां प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला से बतौर मुख्य वक्ता डॉ. जगप्रीत कौर ने कहा कि आईसीटी एकीकृत शिक्षा-शिक्षर्थियों को पर्याप्त कौशल और सर्वांगीण विकास करने के लिए तैयार करती है।

प्रथम सत्र में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी विषय पर उन्होंने कहा कि आईसीटी विभिन्न उपकरणों और शिक्षण स्रोतों को प्रदान करता है जो सीखने की अक्षमताओं के साथ सीखने वालों की सीखने की जरूरतों का समर्थन करते हैं। उन्होंने 21वीं सदी के कौशल में कौशल, क्षमतायें और विधियों का उल्लेख किया जिन्हें 21वीं सदी के समाज और कार्यस्थलों में सफलता के लिए आवश्यक माना गया है। इसमें ज्ञान, क्षमता, काम, प्रोजेक्ट और आध्यात्मिक गुण शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सशक्त बनाना ही 21वीं सदी का लक्ष्य हैं।

दूसरे सत्र में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के डॉ. नीरज कुमार राठौर ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी विषय पर कहा कि सूचना व संचार शिक्षण अधिगमन प्रक्रिया को सुबोध व सुगम बनाने में सहायक हैं। उन्होंने एरिया इंटेलिजेंस, ह्यूमन इंटेलिजेंस पर कहा कि कृत्रिम बुद्धि मानव और अन्य जंतुओं द्वारा प्रदर्शित प्राकृतिक बुद्धि के विपरीत मशीनों द्वारा प्रदर्शित बुद्धि है। कम्प्यूटर विज्ञान में कृत्रिम बुद्धि के शोध को होशियार एजेंट या अध्ययन माना जाता है। उन्होंने ट्रांसफर आईडिया पर कहा कि किसी व्यक्ति या चीज को एक स्थान, वाहन या समूह से दूसरे स्थान पर ले जाना ट्रांसफर आईडिया कहलाता है। इस प्रकार उन्होंने विभिन्न वेबसाइट, गेट इन टू पी.सी, कम्पोज ए.आई, जी.मेल, पीकालैब्स, फेकस्क्रीन शॉट, एडिट ऑफ इ. एल. ड्राप, ओपन हाथी और कैनबा आदि का उल्लेख किया।

कार्यक्रम का संचालन, संयोजक व अंग्रेजी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. विजय तिवारी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के सह संयोजक एवं हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अमरजीत राम ने किया। इस अवसर पर अभाषी मंच से महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. धीरेन्द्र द्विवेदी, डॉ. मानसिंह, डॉ. मनोज कुमार दूबे, डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, डॉ. हर्षमणि सिंह, डॉ. नरेन्द्र सिंह एवं डॉ. विवेक राय सहित देश के विभिन्न राज्यों से प्राध्यापक जुड़े रहें।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण

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