बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय : शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार की जांच को समिति गठित
झांसी, 22 अप्रैल(हि.स.)। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय प्रशासन ने करीब डेढ़ माह बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जिद के आगे हथियार डालते हुए शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए समिति गठित कर दी है। यह समिति गोपनीय ढंग से गठित की गई है। उन तीनों सदस्यों के नाम उजागर करने से विश्वविद्यालय प्रशासन ने मना कर दिया है।
गौरतलब है कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता के संदर्भ में मार्च के शुरुआती दौर में अभाविप की झांसी महानगर इकाई ने आंदोलन किया था। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करते हुए नियुक्तियां की जांच की मांग को स्वीकार किया गया था। जांच का आश्वासन दिए जानें के पश्चात विद्यार्थी परिषद ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। उक्त क्रम में जांच समिति के गठन में विलंब को देखते हुए विद्यार्थी परिषद ने एक माह बाद 12 अप्रैल को पुनः विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन देकर जांच समिति के गठन में विलंब को लेकर असंतोष व्यक्त किया था तथा शीघ्र ही जांच समिति का गठन न किए जाने की स्थिति में पुनः आंदोलन प्रारंभ करने की चेतावनी दी थी।
उक्त प्रकरण में आज एबीवीपी झांसी महानगर के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन से असंतोष व्यक्त किया। जिसके पश्चात विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आज शिक्षक भर्ती की जांच हेतु तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है। हालांकि यह अलग बात है कि जांच समिति के सभी सदस्यों के नाम गोपनीय रखे गए हैं।
इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं में महानगर मंत्री सुयश शुक्ला, जिला संयोजक हर्ष जैन, इकाई अध्यक्ष हर्ष शर्मा, पूर्व इकाई अध्यक्ष विकास शर्मा, इकाई उपाध्यक्ष फिरोज खान, इकाई सह मंत्री दर्शन तहकित, एग्रीकल्चर इकाई अध्यक्ष अमित पोरखर, उदय प्रताप, अभिनव सिंह, शिवम कुशवाहा, दिव्यांश सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश
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