फरवरी के पहले सप्ताह तक रहेगी कड़ाके की ठंड
कानपुर, 16 जनवरी (हि.स.)। पहाड़ों पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है। इससे उत्तर प्रदेश में आ रही सर्द हवाएं कुछ कमजोर होंगी। तापमान में आगामी दो दिनों तक कुछ बढ़ोत्तरी होगी। हालांकि सर्दी से ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। इसके बाद यूरोप और दक्षिण एशिया की सर्द हवाएं आना शुरू होंगी और गलन फिर से बढ़ेगी। मौसम विभाग का कहना है कि फरवरी के पहले सप्ताह तक लोगों को सर्दी से राहत मिलती नहीं दिख रही है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस. एन. सुनील पाण्डेय ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्रों पर चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर बना हुआ है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के श्रीलंका तट के निचले स्तर पर बना हुआ है। 16 जनवरी की रात से एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करने की संभावना है। इस पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से गंगा के मैदानी इलाकों में आ रही सर्द हवाएं प्रभावित होंगी और इनके कमजोर होने से दिन रात के तापमान में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन यह आगामी दो दिन ही प्रक्रिया रहेगी। इसके बाद उत्तर पश्चिम सर्द हवाएं जो यूरोप और दक्षिण एशिया से आ रही हैं वह एक बार फिर उत्तर प्रदेश में गलन बढ़ाएंगी। इन हवाओं के करीब तीन से पांच दिन तक सक्रिय रहने की संभावना है। हालांकि ऐसा नहीं है कि इन हवाओं के कमजोर होने से आगामी दिनों में सर्दी नहीं पड़ेगी। पूर्वानुमान है कि सर्दी का सितम फरवरी के पहले सप्ताह तक बने रहने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 14.4 और न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 94 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 73 फीसदी रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पूर्व रहीं जिनकी औसत गति 2.9 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों तक आसमान साफ रहने के कारण वर्षा की कोई संभावना नहीं है। प्रातः काल एवं रात के समय शीत लहर, घना कोहरा छाये रहने के आसार हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/दीपक/दिलीप
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