महाकुम्भ : सीएम योगी के विजन अनुसार महाकुम्भ मेला क्षेत्र को कई मायनों में बनाया जाएगा विशिष्ट

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महाकुम्भ : सीएम योगी के विजन अनुसार महाकुम्भ मेला क्षेत्र को कई मायनों में बनाया जाएगा विशिष्ट


-5 एकड़ मेला क्षेत्र में बनेगा ’संस्कृति ग्राम’, ऑग्युमेंटेड व वर्चुअल रिएलिटी के जरिए महाकुम्भ का दर्शाया जाएगा महत्व

-उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने शुरू की तैयारी, वर्चुअल टूर्स की लाइव स्ट्रीमिंग, मोबाइल ऐप इंटीग्रेशन, इंटरैक्टिव डिस्प्ले व कियोस्क स्थापना जैसी प्रक्रियाओं को किया जाएगा पूरा

-75 देशों के 25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं का महाकुम्भ में होगा आगमन, एग्जिबिशन समेत विभिन्न प्रकार के होंगे आयोजन

-45 दिनों तक संस्कृति ग्राम के माध्यम से प्राचीन भारत के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों को दर्शाए जाने की तैयारी

-मेला क्षेत्र में त्रिशूल-स्वास्तिक, डमरू, कल्पवृक्ष समेत विभिन्न आध्यात्मिक थीमों पर आधारित बनेंगे 30 भव्य द्वार

लखनऊ/प्रयागराज, 05 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार 13 जनवरी, 2025 से शुरू हो रहे महाकुम्भ मेले को भव्य बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। महाकुम्भ मेला को दिव्य-भव्य बनाने के लिए सीएम योगी के विजन अनुसार विस्तृत कार्ययोजना का निर्माण हुआ था, जिस पर विभिन्न विभागों द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है।

इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा महाकुम्भ मेला क्षेत्र के 5 एकड़ एरिया में संस्कृति ग्राम का निर्माण किया जाएगा। यह संस्कृति ग्राम कई मायने में विशिष्ट होगा और यहां 45 दिनों तक एक्जिबिशन समेत विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन होंगे। खास बात ये है कि संस्कृति ग्राम में ऑग्युमेंटेड रिएलिटी (एआर) व वर्चुअल रिएलिटी के जरिए महाकुम्भ के विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं को दर्शाया जाएगा। इतना ही नहीं, मेला क्षेत्र में 30 भव्य कॉन्सेप्च्युलाइज्ड गेट का भी निर्माण होगा जो त्रिशूल, स्वास्तिक, कल्पवृक्ष, डमरू समेत विभिन्न आध्यात्मिक थीमों पर बेस्ड होगा। इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

-मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर है चिह्नित

यूनेस्को द्वारा कुम्भ मेले को मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर चिह्नित किया गया है। ऐसे में यहां दुनिया के 75 देशों से 25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है। यही कारण है कि आयोजन को इसी अनुपात में भव्य बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा मेला क्षेत्र में भव्य संस्कृति ग्राम का निर्माण कराया जाएगा। संस्कृति ग्राम में 20 स्टॉल्स की एग्जिबिशन लगेगी जिसमें स्थानीय हस्तकला व शिल्प को तरजीह दी जाएगी। वहीं, संस्कृति ग्राम को ऑग्युमेंटेड रिएलिटी व वर्चुअल रिएलिटी का हब भी बनाया जाएगा। यहां महाकुम्भ के पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाया जाएगा। विभिन्न कालखंडों में महाकुम्भ की यात्रा को इन माध्यमों से शोकेस किया जाएगा। संस्कृति ग्राम विभिन्न जोन में बंटा होगा जिसमें एंशियंट हेरिटेज व माइथोलॉजी, हिस्टोरिकल ट्रैवलर्स के विभिन्न आलेख, एस्ट्रोलॉजिकल साइंस, परफॉर्मिंग आर्ट्स व इंटेरैक्टिव वर्कशॉप एरिया मुख्य होंगे।

-आयुर्वेद, ज्योतिष और प्राचीन विश्वविद्यालयों का भी होगा उल्लेख

संस्कृति ग्राम में महाराजा हर्षवर्धन द्वारा कुम्भ आयोजन के लिए दिए गए दान, सभी स्थलों की विशेषता, उनके हिस्टोरिकल व कल्चरल कॉन्टेक्स्ट, 360 डिग्री वर्चुअल इमर्सिव एक्सपीरिएंस, टचस्क्रीन इंटरैक्टिव कियोस्क व मल्टीमीडिया डिस्प्ले, मोबाइल ऐप इंटीग्रेशन और लाइव स्ट्रीमिंग वर्चुअल टूर्स जैसे फीचर्स से लैस किया जाएगा। एग्जिबिशन स्थलों पर वेद, पुराण और चरक संहिता व प्राचीन ज्योतिषीय शास्त्रों को उल्लेखित किया जाएगा। इस दौरान भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों का भी जिक्र किया जाएगा। वहीं, मेन स्टेज पर क्लासिकल व फोक डांस व म्यूजिक की प्रतिदिन विशिष्ट प्रस्तुतियां होंगी। इसके अतिरिक्त, थिएट्रिकल परफॉर्मेंस, फूड स्टॉल्स, कुकिंग डेमॉन्सट्रेशंस, क्राफ्ट वर्कशॉप व डांस-म्यूजिक वर्कशॉप्स का आयोजन किया जाएगा। विजिटर्स के लिए इन्फॉर्मेशन सेंटर, गाइडेड टूर्स की सुविधा भी होगी।

-अलग अलग थीम पर आधारित होंगे 30 भव्य गेट

महाकुम्भ मेला क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा 30 भव्य द्वारों का निर्माण कराया जाएगा। इनके नाम महाकुम्भ लोगो द्वार, त्रिशूल द्वार, स्वास्तिक द्वार, डमरू द्वार, शंख द्वार, महाकुम्भ 2025 द्वार, सूर्य द्वार, देव दल द्वार, कमल द्वार, गदा द्वार, धनुष द्वार, गंगा द्वार, कौस्तुभ द्वार, कामधेनु द्वार, लक्ष्मी द्वार, ओम द्वार, नंदी द्वार, संगम द्वार, नागवासुकी द्वार, शिवलिंग द्वार, चंद्र द्वार, कलश द्वार, सुदर्शन चक्र द्वार, 14 रत्न कथा द्वार, ऐरावत द्वार, कच्छप द्वार, कल्पवृक्ष द्वार, समुद्र मंथन द्वार, रुद्राक्ष द्वार व अश्व द्वार हैं। इन सभी द्वारों पर सेल्फी प्वॉइंट, लैंप पोस्ट व पोर्टेबल टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इन सभी द्वारों को थीम के अनुरूप निर्मित किया जाएगा जो इनके महत्व को दर्शाने के साथ ही टूरिस्ट अट्रैक्शन व फुटफॉल एरिया के तौर पर भी कार्य करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / राजेश

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