सीएम योगी ने अंतिम पायदान पर खड़े समाज का बदला भविष्य, रिकॉर्ड पौने चार लाख पक्के मकान आवंटित
मुख्यमंत्री आवास योजना - ग्रामीण बनी सामाजिक परिवर्तन की रीढ़
पहली बार योजनाओं के केंद्र में आया अति पिछड़ा और आदिवासी समाज
जाति नहीं, जरूरत बनी पात्रता, ग्रामीण उत्तर प्रदेश में कच्ची झोपड़ियों की जगह पक्के घरों ने ली
योगी सरकार की प्राथमिकता में सबसे कमजोर वर्ग सबसे ऊपर
वनटांगिया, मुसहर, थारू, कोल, नट, बंजारों तक पहुंचा अपना घर, मुख्यधारा से जुड़ा सबसे पिछड़ा समाज
लखनऊ, 18 दिसंबर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आदिवासियों, दैवीय आपदा पीड़ितों, दिव्यांगजनों और समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े वंचित वर्गों को रिकॉर्ड 3.72 लाख पक्के मकान आवंटित किए गए हैं। यह उपलब्धि योगी सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिसमें विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना प्राथमिकता है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत फरवरी 2018 में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आवासहीन और अत्यंत जरूरतमंद परिवारों को सम्मानजनक पक्का घर उपलब्ध कराना है।
सबसे जरूरतमंदों को सबसे पहले आवास
योगी सरकार ने आवास आवंटन में स्पष्ट रूप से जरूरत और संवेदनशीलता को आधार बनाया है। दैवीय आपदा पीड़ितों को सर्वाधिक 93,300 पक्के मकान जबकि दिव्यांगजनों को 91,062 आवास आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा मुसहर समुदाय को 50,000 से अधिक आवास, निराश्रित विधवा महिलाओं को 41,000 से अधिक मकान आवंटित हुए। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि योगी सरकार की नजर उन वर्गों पर है, जो कई दशकों तक सरकारी योजनाओं से दूर रहे।
वनटांगिया से बंजारा तक जिन्हें कभी हक नहीं मिला, उन्हें मिला अपना घर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वनटांगिया, मुसहर, थारू, कोल, सहरिया, चेरो, बैगा, नट और बंजारा जैसे अति पिछड़े और वंचित समुदायों को पहली बार बड़े पैमाने पर पक्का आवास उपलब्ध कराया गया है। ये वही वर्ग हैं, जो पहले केवल आंकड़ों में थे, लेकिन योजनाओं में नहीं। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन से इन्हें अपना हक मिला है।

