मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को नए सिरे से दी जिलों की जिम्मेदारी
- मुख्यमंत्री व दोनों उप मुख्यमंत्रियों के पास 25-25 जिलों का प्रभार, हर चार माह पर होगा रोटेशन
- फील्ड में उतरे प्रभारी मंत्री, जनता से मिलें, संवाद करें, जनसमस्याओं का कराएं समाधान : मुख्यमंत्री
लखनऊ, 12, सितम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रिमण्डल की बैठक में दोनों उप मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, राज्य मंत्रियों (स्व.प्र.), राज्य मंत्रियों को उनके नवीन प्रभारी जनपदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री ने स्वयं और अपने साथ दोनों उप मुख्यमंत्रियों को 25-25 जनपदों की समीक्षा हेतु जिम्मेदारी भी सौंपी है। इसमें 4-4 माह के रोटेशन पर जिलों का प्रभार परिवर्तित होता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रिमण्डल के सदस्यों को आपसी समन्वय और संगठन को साथ लेकर चलने का आग्रह किया है। सरकार की लोक-कल्याण की नीतियों और योजनाओं को जनता तक ले जाने के आवश्यक निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगामी 17 सितंबर को प्रधानमंत्री का जन्मदिन पर स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ होना है। सभी प्रभारी मंत्रीगण अपने-अपने प्रभार के जनपद में इस कार्यक्रम में सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। वच्छता का यह अभियान जनांदोलन बने, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
जिले के प्रभारी मंत्री के रूप में मंत्रीगण प्रत्येक माह में कम से कम एक बार 24 घंटे के लिए अपने प्रभारी जनपद में प्रवास करेंगे।
शासन से संबंधित मुद्दों को प्रभारी मंत्री कोर कमेटी से चर्चा करके प्रत्येक माह शासन में संबंधित विभाग व मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके प्रस्तुत करेंगे।
जिले के सम्मानित प्रबुद्ध नागरिक, धर्माचार्यों, प्रगतिशील किसानों, व्यापारिक संगठनों सहित सामाजिक नेताओं के समूहों के साथ प्रत्येक प्रवास में किसी एक के साथ बैठक अवश्य होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिले की समीक्षा बैठक में जनशिकायतों को मेरिट के आधार पर निस्तारित किया जाना अपेक्षित है। कानून व सुरक्षा संबंधी विषयों, राजस्व विभाग से जुड़े हुए विषयों को जैसे वरासत, पैमाइश, नामांतरण, लैण्ड यूज सहित आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन आदि की समीक्षा कर मेरिट के आधार पर निस्तारण कराया जाए। इसकी समीक्षा की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय और संबंधित विभाग को अनिवार्य रूप से भेजी जानी चाहिए।
केन्द्र और राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं, लोककल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय स्तर पर प्रवास के दौरान भौतिक सत्यापन भी होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों, ग्राम सचिवालय, क्रय केन्द्र, फेयर प्राइस शॉप, कृषि विज्ञान केन्द्र में से किसी एक का भौतिक निरीक्षण प्रवास के दौरान करना अपेक्षित है।
अटल आवासीय विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, विद्यालय, राजकीय महाविद्यालयों, निर्माणाधीन कस्तूरबा गांधी विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण, पॉलीटेक्निक/आईटीआई के संचालन की समीक्षा की जाए।
उन्होंने कहा कि स्थानीय पर्यटन विकास की संभावनाओं की तलाशकर प्रचार-प्रसार पर चर्चा होनी चाहिए। जनपद में प्राप्त निवेश के प्रस्तावों की समीक्षा कर उद्यमी मित्रों और स्थानीय बैंकर्स के साथ चर्चा की जाए।
जनपद में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के साथ यातायात समस्या के सम्बन्ध में बैठक। जनपद में सड़क सुरक्षा के उपायों की समीक्षा करें।आकांक्षात्मक विकास खण्डों की समीक्षा अनिवार्य रूप से जिले की समीक्षा बैठक में होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण एवं कार्यक्रमों की समीक्षा। आयुष्मान कार्ड, दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सालयों में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता। आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजना, ग्राम सचिवालयों के निर्माण, गाँव में तैनात कार्मिकों की उपस्थिति आदि का निरीक्षण करना आवश्यक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला
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