कृषि के क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन से पड़ रहा है विपरीत प्रभाव : डा. वी.के.सिंह

कृषि के क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन से पड़ रहा है विपरीत प्रभाव : डा. वी.के.सिंह
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कृषि के क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन से पड़ रहा है विपरीत प्रभाव : डा. वी.के.सिंह


कानपुर, 25 जून (हि.स.)। जलवायु परिवर्तन हमारे लिये एक बड़ी चुनौती है। विशेषकर कृषि के क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के काफी विपरीत प्रभाव पड़ रहे हैं। यह बात मंगलवार को भाकृअनुप—कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कानपुर में जलवायु अनुकूल कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार परियोजना की दो दिवसीय वार्षिक क्षेत्रीय कार्यालय के प्रथम दिन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि हैदराबाद स्थित केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ.वी.के. सिंह ने कही।

उन्होंने कहा कि पहले के समय में और अब के समय में जलवायु में काफी अंतर आ गया है। वृक्षों की कटाई, प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन आदि से यह अन्तर आया है। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए मृदा के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। मृदा परीक्षण का कार्य काफी महत्वपूर्ण हो गया है, मृदा परीक्षण का टारगेट सेट करने और परीक्षण कर कमियाँ और गुण बताने, कृषकों को जागरुक करने एवं प्रशिक्षण प्रदान करने आदि से जलवायु अनुकूल कृषि को और प्रोत्साहन मिलेगा।

इस मौके पर कानपुर भाकृअनुप—अटारी के निदेशक डा. एस.के. दुबे ने बताया कि यह निकरा परियोजना वर्ष 2011 से चल रही है एवं इसका उद्देश्य जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकी को बढ़ावा देना है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के जलवायु संवेदनशील 17 जनपदों में यह परियोजना कार्यरत है। निक्रा के अंतर्गत किसानों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर की भी व्यवस्था विकसित की गयी है जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को मशीनरी उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही किसानों को उन्नत प्रजाति के बीज तथा संबंधित तकनीकियाँ भी कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से प्रदर्शित कराये जाते हैं।

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कानपुर में जलवायु अनुकूल कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार परियोजना की दो दिवसीय (25 से 26 जून 2024) वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला का मंगलवार को मुख्य अतिथि डॉ.वी.के. सिंह एवं अन्य उपस्थित अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके शुभारंभ किया। । कार्यशाला में निक्रा परियोजना से जुड़े 17 कृषि विज्ञान केन्द्रों की गतवर्ष (2023_24) की उपलब्धियों एवं आगामी कार्य योजनाओं (2024_25) की समीक्षा की जा रही है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डा. नागेंद्र राय, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी, डा. बी. गंगवार अध्यक्ष-जेड.एम.सी. निक्रा तथा डा. मसूद अली, सदस्य-जेड.एम.सी. निक्रा,डा. जी प्रतिभा कोआर्डिनेटर निक्रा एवं डॉक्टर श्रीनिवास भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/बृजनंदन

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