चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 'हेल्दी बेबी शो', 14 माह की दीप्ति को मिला पहला स्थान

चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 'हेल्दी बेबी शो', 14 माह की दीप्ति को मिला पहला स्थान
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चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 'हेल्दी बेबी शो', 14 माह की दीप्ति को मिला पहला स्थान


वाराणसी, 21 नवम्बर (हि.स.)। चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर मंगलवार को 'हेल्दी बेबी शो' का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में एक वर्ष तक के कुल 21 बच्चों के साथ उनके अभिभावकों ने प्रतिभाग किया। प्रतिभागी बच्चों में प्रतिमा की पुत्री दीप्ति (14 माह) प्रथम स्थान पर रही और सबसे स्वस्थ बच्चा घोषित हुई। सोनाली का पुत्र रुद्र (नौ माह) को द्वितीय तथा सुनीता की पुत्री श्वेता (एक वर्ष) को तृतीय पुरस्कार मिला।

इसके अलावा, अन्य बच्चों के माता और पिता भी प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर बेहद खुश दिखे। दीप्ति की मां प्रतिमा ने कहा कि प्रतियोगिता के दौरान यह जानने का प्रयास किया गया कि हम अपने बच्चे की देखभाल कैसे कर रहे हैं। बच्चा पैदा होने के एक घंटे के अंदर मां का दूध पिलाया कि नहीं। बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए उसे क्या-क्या खिलाना चाहिए। सीएचसी के अधीक्षक डॉ आरबी यादव, अपर शोध अधिकारी (एआरओ) राजेश कुमार श्रीवास्तव व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) शिखा श्रीवास्तव ने समस्त बच्चों के अभिभावकों का उत्साहवर्धन किया। साथ ही विशेष देखभाल के लिए आवश्यक परामर्श भी दिया।

जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि हेल्दी बेबी शो के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों में एक वर्ष तक के बच्चों के अभिभावकों को स्वास्थ्य के मानकों के प्रति जागरूक एवं प्रोत्साहित करना है। यह शिशु मृत्यु दर कम करने का एक प्रयास है। सीएमओ ने बताया कुपोषण का प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु व उसके जीवन के पहले दो वर्षों पर सबसे अधिक पड़ता है। इसके बाद प्रयास करने पर भी कुपोषण को दूर करना कठिन हो जाता है। गर्भधारण से लेकर जीवन के पहले दो साल की अवधि अर्थात् जीवन के पहले 1,000 दिन पोषण की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अवधि बच्चों के सुपोषित भविष्य की नींव रखने का सुनहरा अवसर प्रदान करती है।

डिप्टी सीएमओ (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के तहत ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें एक वर्ष तक के बच्चों को उनकी आयु के आधार पर वजन, टीकाकरण, कोलेस्ट्रम फीडिंग (मां का पहला गाढ़ा पीला दूध), छह माह तक सिर्फ स्तनपान, छह माह के बाद अतिरिक्त अनुपूरक आहार के बारे में अभिभावकों को विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

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