चित्रकूट में बनकर तैयार हुआ उप्र का पहला ग्लास स्काईवॉक ब्रिज

चित्रकूट में बनकर तैयार हुआ उप्र का पहला ग्लास स्काईवॉक ब्रिज
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चित्रकूट में बनकर तैयार हुआ उप्र का पहला ग्लास स्काईवॉक ब्रिज


-तुलसी जल प्रपात में बना ब्रिज बनेगा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

- भगवान राम के धनुष और बाण के आकार का बनाया गया है ब्रिज

चित्रकूट,12 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश का पहला ग्लास स्काईवॉक ब्रिज चित्रकूट में तुलसी (शबरी) जलप्रपात में बनकर तैयार हो गया है। कोदंड वन स्थित इस प्रपात पर भगवान राम के धनुष और बाण के आकार का ब्रिज बनाया गया है। पर्यटकों के लिए यह ब्रिज लोकसभा चुनाव के बाद उद्घाटन कर खोला जाएगा। 3.70 करोड़ रुपये की लागत से यह ब्रिज बनकर तैयार हुआ है। आने वाले समय में यह सबसे खूबसूरत ईको टूरिज्म केंद्र गया। यहां पर रॉक व हर्बल गार्डन से साथ रेस्टोरेंट भी बनाए जा रहे हैं।

वन विभाग और पर्यटन विभाग की ओर से ग्लास स्काई वाक ब्रिज का निर्माण कराया गया है। जिसको गाजीपुर की पवन सुत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया है। मारकुंडी रेंज में जिस जलप्रपात पर ग्लास स्काई वाक ब्रिज बन रहा है उसे पहले शबरी जलप्रपात कहा जाता था। प्रभु श्रीराम की तपोभूमि के साथ यहीं पर राजापुर में गोस्वामी तुलसीदास का जन्म स्थान होने से पिछले साल प्रदेश सरकार ने इसका नाम बदलकर तुलसी जल प्रपात कर दिया था।

रेंजर नदीम मोहम्मद ने बताया कि धनुष और बाण के आकार में बन रहे ब्रिज में खाई की ओर बाण की लंबाई 25 मीटर है जबकि दोनों पिलर के बीच धनुष की चौड़ाई 35 मीटर है। पुल की भार क्षमता प्रति वर्ग मीटर में 500 किलोग्राम होगी। तुलसी जल प्रपात पर पानी की तीन धाराएं चट्टानों से गिरती हैं। ये लगभग 40 फीट की ऊंचाई पर एक वाइड वाटर बेड यानी जल शैया में गिरकर जंगल में लुप्त हो जाता है। जैसे ही लोग स्काई वॉक पुल पर चलेंगे तो चट्टानों पर पानी गिरने और नीचे जंगल का नजारा भी दिखेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/रतन/राजेश

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