चित्रकूट जियोपार्क बनाने के लिए एमपी-यूपी की सरकारें तन-मन-धन से करेंगी सहयोग : कैलाश विजयवर्गीय

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चित्रकूट जियोपार्क बनाने के लिए एमपी-यूपी की सरकारें तन-मन-धन से करेंगी सहयोग : कैलाश विजयवर्गीय


चित्रकूट,03 अगस्त (हि.स.)। चित्रकूट जिले में आयोजित संभावित चित्रकूट जियोपार्क कार्यशाला का समापन कार्यक्रम धूमधाम से सम्पन्न हुआ। एक अगस्त को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस कार्यशाला का उद्घाटन किया था। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर यूनेस्को के बेंनो बोअर और मध्य प्रदेश की राज्य मंत्री प्रतिमा बांगरी और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यशाला का उद्देश्य चित्रकूट को जियोपार्क के रूप में मान्यता प्राप्त कराने और इसके भूगर्भीय महत्व को उजागर करने के लिए जा फैलाना था।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि कैलाश विजयवर्गीय ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है हम पेड़ प्रकृति पहाड़ की पूजा करते हैं, उनका शोषण नहीं। अतः जलवायु परिवर्तन और वैश्विक समस्याओं के लिए भारत ही नेतृत्व कर सकता है। हम यदि भारत को सम्पदा का उपयोग कर सकें तो भारत में सैकड़ों जियो पार्क बन सकते हैं। चित्रकूट जियो पार्क बनने से विश्व को न केवल क्षेत्र की भौगोलिक सम्पदा के बारे में जानकारी होंगी, बल्कि सतत विकास शिक्षा और संरक्षण के माध्यम से चित्रकूट विश्व के मानचित्र पर आएगा। चित्रकूट जियोपार्क दोनों राज्य सरकारे जियो पार्क के लिए जो भी अवश्यकता होंगी तन-मन-धन से सहयोग करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जियोपार्क के रूप में मान्यता मिलने से न केवल क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।

यूनेस्को के प्रतिनिधि बेंनो बोअर ने अपनी बात में कहा कि चित्रकूट का भूगर्भीय इतिहास और उसकी अद्वितीय विशेषताएं इसे जियोपार्क के लिए उपयुक्त बनाती हैं। उन्होंने बताया कि यूनेस्को की ओर से ऐसे स्थानों को पहचान मिलती है, जो न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होते हैं बल्कि पर्यटन और शिक्षा के दृष्टिकोण से भी लाभकारी होते हैं। बेंनो बोअर ने इस पहल को लेकर सरकार और स्थानीय समुदाय की सराहना की और आशा व्यक्त की कि चित्रकूट जल्द ही विश्व मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण जियोपार्क के रूप में उभरेगा।

मध्य प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री नगरीय विकास प्रतिमा बांगरी ने कहा कि मध्य प्रदेश भारत का हृदय है मध्य प्रदेश सरकार विरासत के संरक्षण में सदैव अग्रणी रहा है। हमारी सरकार इसके लिए पूरा सहयोग करेगी। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने अपने संबोधन में शिक्षा और अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जियोपार्क की मान्यता से क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों को नई दिशा मिलेगी और छात्रों को भूगर्भीय अध्ययन के लिए एक आदर्श मॉडल मिलेगा। चित्रकूट जियोपार्क बनने से उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश दोनों राज्यों के लोगों को लाभ प्राप्त होगा। इसके लिए दोनों प्रदेश की सरकारें प्रयास करेंगी।

समापन समारोह के दौरान विभिन्न कार्यशालाओं के प्रमुख परिणामों और सुझावों को भी साझा किया गया। स्थानीय विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने चित्रकूट की जियोपार्क मान्यता के लिए किए गए अध्ययन और कार्यों की जानकारी दी और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। संचालन संभावित चित्रकूट जियो पार्क प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी डॉ अश्वनी अवस्थी ने किया। कार्यक्रम में डॉ सतीश त्रिपाठी, डॉ मुकुंद शर्मा, डॉ अनिल साहू, डॉ पी. पी. शर्मा, डॉ अलोक पाण्डेय सहित 140 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

हिन्दुस्थान समाचार / रतन पटेल / मोहित वर्मा

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