एचआईवी एड्स से ग्रसित 18 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगा 'स्पॉन्सरशिप योजना' का लाभ
- बेसहारा बच्चों के लिए योगी सरकार ने शुरू की योजना, प्रतिमाह 4000 की आर्थिक मदद मिलेगी
वाराणसी, 01 दिसंबर (हि.स.)। जिले में 18 वर्ष तक के ऐसे बच्चे जो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस - एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम यानि एचआईवी/एड्स से ग्रसित हैं। इनके आर्थिक मदद के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है। सरकार ने इन बच्चों के लिए ‘स्पॉन्सरशिप योजना’ की शुरुआत की है। योजना में एचआईवी/एड्स से ग्रसित 18 वर्ष तक के बच्चों को हर माह 4000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह जानकारी जिला एचआईवी/एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ पीयूष राय ने दी।
डॉ पीयूष राय शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में विश्व एचआईवी/एड्स दिवस पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता के उद्देश्य से हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘लेट कम्यूनिटीज़ लीड’ निर्धारित की गई है। इससे पूर्व डीडीयू चिकित्सालय स्थित एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) के तत्वावधान में जन जागरूकता रैली निकाली गई। रैली में ‘युवा पीढ़ी आगे आओ, एड्स की जांच कराओ’, ‘गर्भवती महिला की जांच कराओ, अपने बच्चे की जान बचाओ’ आदि नारे लगाए गए। इसके पश्चात एआरटी सेंटर पर गोष्ठी और समारोह का आयोजन किया।
इस मौके पर एचआईवी/एड्स से ग्रसित 20 बच्चों को भेंट स्वरूप उपहार दिये गए। सभी बच्चों को नियमित उपचार, देखभाल, स्वस्थ व संतुलित आहार के साथ परामर्श के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। गोष्ठी में सीएमएस डॉ दिग्विजय सिंह ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से एड्स की बीमारी नहीं होती है। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के छूने, साथ बैठने और खाने से यह बीमारी नहीं फैलती है। संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने से यह बीमारी फैलती है।
एआरटी सेंटर की वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ प्रीति अग्रवाल ने कहा कि एचआईवी-एड्स लाइलाज बीमारी है। इसकी रोकथाम के लिए बचाव व जागरूकता ही एकमात्र उपाय है। इस मौके पर चिकित्साधीक्षक डॉ प्रेम प्रकाश, क्वालिटी एश्योरेंस के मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी और सीनियर मीडिया प्रभारी ने भी अपने विचार को रखा।
इस तरह उठाएं योजना का लाभ
डॉ पीयूष राय ने बताया कि ‘स्पॉन्सरशिप योजना’ के अंतर्गत एचआईवी/एड्स से ग्रसित अधिकतम 18 वर्ष तक के पात्र बच्चों को प्रतिमाह 4000 रुपये सरकार की ओर से दिये जाएंगे। इसके लिए अभिभावक की आय सीमा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 72,000 वार्षिक और शहरी क्षेत्रों में 96,000 रुपये वार्षिक होना चाहिए। (माता-पिता दोनों अथवा वैद्य संरक्षक कि मृत्यु होने की स्थिति में परिवार कि अधिकतम आय सीमा का नियम लागू नहीं होगा) । इसके लिए आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, अभिभावक का मृत्यु प्रमाण पत्र एवं शिक्षण संस्थान में पंजीयन प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। इसके आवेदन के लिए डीडीयू स्थित एआरटी सेंटर पर संपर्क किया जा सकता है।
डॉ पीयूष राय ने बताया कि जनपद में इस साल जनवरी से अब तक 364 एचआईवी पॉज़िटिव पाये गए, जिसमें 221 पुरुष व 90 महिला हैं। इसमें 23 गर्भवती महिलाएं, चार ट्रांसजेंडर और आठ बच्चे शामिल हैं। जिले में एड्स की जांच के लिए 10 एचसीटीएस (एचआईवी काउन्सलिन्ग टेस्टिंग सर्विस) हैं जिसमें से 8 आईसीटीसी (इंटीग्रेटेड काउंसिलिंग एण्ड टेस्टिंग सेंटर) और दो पीपीटीसीटी (प्रिवेंटिंग पेरेंट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन) सेंटर भी बने हुये। उपचार के लिए डीडीयू चिकित्सालय एवं बीएचयू में एआरटी सेंटर मौजूद हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित
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