प्रमुख सचिव, नगर विकास ने एसटीपी एवं जियो ट्यूब विधि से नालों के शोधन कार्यों का किया निरीक्षण

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प्रमुख सचिव, नगर विकास ने एसटीपी एवं जियो ट्यूब विधि से नालों के शोधन कार्यों का किया निरीक्षण


प्रयागराज, 20 फरवरी (हि.स.)। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनजीटी में महाकुम्भ के दौरान जल की गुणवत्ता के सम्बन्ध में सौंपी गई रिपोर्ट का उप्र शासन द्वारा प्रयागराज स्थित एसटीपी के शोधित उत्प्रवाह एवं नालों के जियो ट्यूब विधि से सम्पादित कराये जा रहे शोधन कार्यों का प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग अमृत अभिजात एवं विशेष सचिव अमित कुमार सिंह की दो सदस्यीय टीम ने आज औचक निरीक्षण किया।

वृहस्पतिवार को प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग द्वारा सर्वप्रथम 14 एमएलडी, एसटीपी फाफामऊ का स्थलीय निरीक्षण किया। उसके बाद सदर बाजार ड्रेन एवं राजापुर ड्रेन के जियोट्यूब विधि से किये जा रहे शोधन कार्यों का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण की खबर पूर्व से किसी भी अधिकारी को नहीं दी गई एवं स्वयं प्रमुख सचिव, नगर विकास ने आईआईटी मद्रास के इण्टरनेशनल सेन्टर फॉर क्लीन वॉटर तथा मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज की टीम की उपस्थिति में एसटीपी एवं नालों पर हो रहे जियो ट्यूब विधि से हो रहे शोधन कार्य से निकल रहे शोधित उत्प्रवाह के सैम्पल एकत्रित कराये गये।

आईआईटी मद्रास की टीम द्वारा निरीक्षण के समय अत्याधुनिक टेस्टिंग मशीन का प्रयोग करते हुए साइट पर ही प्रमुख सचिव, नगर विकास के समक्ष बीओडी सीओडी, पीएच, टीएसएस की जॉच की गई तथा फीकल कोलीफार्म की जॉच के लिए सीलबन्द सैम्पल को प्रयोगशाला में भेजा गया। जांच में बीओडी, सीओडी, पीएच, टीएसएस के पैरामीटर निर्धारित मानकों के अनुरूप पाये गये। प्रमुख सचिव, नगर विकास ने उप्र जल निगम, नगरीय एवं ग्रामीण के अभियन्ताओं को एसटीपी एवं जियो ट्यूब की साइट्स का शोधन गुणवत्तापूर्वक एवं मानक अनुरूप कराने के कड़े निर्देश दिये गये तथा कार्यों में शिथिलता बरतने पर कड़ी कार्यवाही करने की भी चेतावनी दी गई।

गौरतलब है कि, पूर्व में महाकुम्भ मेला अवधि में उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 एवं 21 जनवरी, 01 एवं 13 फरवरी को एसटीपी एवं जियो ट्यूब विधि से हो रहे शोधन कार्य के शोधित उत्प्रवाह के नमूनों की जॉच की गई। जिसके अनुसार सभी पैरामीटर निर्धारित मानकों के अनुरूप पाये गये, जिसके सम्बन्ध में उप्र नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनजीटी के समक्ष 18 फरवरी को हलफनामा के माध्यम से रिपोर्ट दाखिल की गयी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

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