चर्चा में है गोरखपुर का 'मिशन मंझरिया, मुरीद हुए सीएम योगी ने ‘मॉडल स्टडी’ के रूप में सराहा

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चर्चा में है गोरखपुर का 'मिशन मंझरिया, मुरीद हुए सीएम योगी ने ‘मॉडल स्टडी’ के रूप में सराहा


चर्चा में है गोरखपुर का 'मिशन मंझरिया, मुरीद हुए सीएम योगी ने ‘मॉडल स्टडी’ के रूप में सराहा


2018 से मंझरिया गांव के कायाकल्प का माध्यम बना मिशन मंझरिया

गोरखपुर, 5 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के गाेरखपुर जिले में ‘मिशन मंझरिया’ एक गांव के कायाकल्प का ऐसा अभियान है, जिसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अपना मुरीद बना लिया है। महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ के बीएड विभाग की तरफ से गोद लिए गए इस गांव में बीएड के छात्राध्यापकों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और शासन की योजनाओं से संतृप्त करने की दिशा में सेवा की नजीर पेश की है।

सीएम योगी ने गुरुवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह शुभारंभ समारोह में महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ के मिशन मंझरिया की प्रगति रिपोर्ट स्मारिका का विमोचन करते हुए कहा था कि गांव के प्रति किसी शैक्षिक संस्था की जिम्मेदारी क्या होनी चाहिए, मिशन मंझरिया इसके लिए एक मॉडल स्टडी है।

मिशन मंझरिया को मुख्यमंत्री से मिली सराहना को लेकर महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव का कहना है कि मिशन मंझरिया की शुरुआत गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ही प्रेरणा से हुई थी। उनकी प्रेरणा से ही महाविद्यालय ने समीप के गांवों को गोद लेकर ग्रामीणों की शैक्षिक, चिकित्सकीय सेवा और उन्हें आत्मनिर्भरता की राह दिखाने की शुरुआत मिशन मोड में की।

ऐसे काम होता है

महाविद्यालय में बीएड विभाग की अध्यक्ष शिप्रा सिंह के अनुसार मंझरिया गांव में 178 परिवारों के अंतर्गत 843 की आबादी है। बीएड विभाग के छात्राध्यापक पढ़ाई के बाद प्रतिदिन अपराह्न 2 बजे से 4 बजे तक मंझरिया गांव को अपना कर्मक्षेत्र बनाते हैं। वर्ष 2018 में बीएड विद्यार्थियों ने कक्षा एक से 10 तक के विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग के नाम पर पढ़ाना शुरू किया। सप्ताहभर में ही करीब 80 विद्यार्थी पंजीकृत हुए और फिर शिक्षा सेवा का यह सिलसिला बढ़ता गया।

शिक्षा के साथ स्वास्थ्य और स्वच्छता पर भी जोर

श्री गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय के गांव में हर सप्ताह सचल चिकित्सा सेवा की सुविधा ग्रामीणों को मिली। स्वास्थ्य शिविरों से 28 हजार से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं। श्रमदान शिविर का असर यह हुआ कि सफाई मंझरिया गांव की संस्कृति का हिस्सा बन गई है। इसी क्रम में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राणि विज्ञान के पूर्व अध्यक्ष प्रो. दिनेश सिंह एक घर-एक पेड़ योजनांतर्गत मौलश्री के 101 पौधे लेकर इस मिशन के साझीदार बने।

महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की सराहनीय पहल

बीएड की छात्राध्यापिकाओं द्वारा गांव की महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, पेंटिंग आदि का हुनर सिखाया जाता है। महिलाओं को खाद्य संरक्षण कार्यशाला के माध्यम से आम का स्क्वैश, मिक्स फ्रूट जैम, लहसुन, अदरक, हरी मिर्च के आचार बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्ष 2024 में आयोजित उन्नत भारत ग्राम अभियान रही। कई महिलाओं ने घर से टेलरिंग का व्यवसाय शुरू कर दिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

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