117 दीए जलाकर भगत सिंह की जन्म जयंती मनाई
गोरखपुर, 28 सितंबर (हि.स.)। मां भारती के वीर सपूत, अमर बलिदानी सरदार भगत सिंह की 117वीं जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय क्रांतिकारी सम्मान संघर्ष मोर्चा एवं गुरुकृपा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में बेतियाहाता स्थित उनके मूर्ति पर कृतज्ञ गोरखपुरवासियों द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। कार्यकर्ताओं ने मूर्ति की साफ सफाई की। माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर जयकारे लगाए, उदघोष के बीच 117 दीए जलाकर भगत सिंह की जन्म जयंती मनाई।
अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बृजेश राम त्रिपाठी ने कहा कि भगत सिंह ने मेरा रंग दे बसंती चोला का गीत गाते हुए हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए, उनकी राष्ट्रप्रेम की उत्कंठता तथा भारत माता के प्रति प्रेम को युवा पीढ़ी को आत्मसात करना चाहिए।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रदूत को कोटिशः नमन करते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि मात्र 23 वर्ष की अल्पायु में देश के युवाओं में क्रांतिकारी गतिविधियों की नींव असेंबली बमकांड के द्वारा रोपित किया। भगत सिंह ने वैचारिक क्रांति का जो अधिष्ठान देश को दिया वो आज़ादी की लड़ाई का बीजमंत्र बना। आगे चलकर भावी पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति की जो अलख जगाई 1947 को देश आजाद हुआ।
क्रांतिकारियों बलिदानियों पर केंद्रित संगठन अखिल भारतीय क्रांतिकारी सम्मान संघर्ष मोर्चा भगत सिंह के जन्म दिवस 28 सितंबर से आगामी 15 अक्तूबर 2024 तक बलिदानी भगत सिंह जन्म जयंती पखवारा मनाएगा, जिसके अंतर्गत भारी संख्या में युवाओं को जोड़ा जाएगा। गोरखपुर, संतकबीरनगर, महाराजगंज और कुशीनगर में स्कूल और कॉलेजों के कक्षाओं में जाकर भगत सिंह के वैचारिक क्रांति और उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से युवाओं को रूबरू कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भगत सिंह की दिलेरी, निर्भीकता, नेतृत्व कला आज अत्यंत प्रासंगिक है, युवा सच कहने को तैयार नहीं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने को तैयार नहीं है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजेश दुबे ने कहा कि चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर भगत सिंह ने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। ज्ञान, पुरुषार्थ, साहस और राष्ट्र प्रेम का अदभुत समन्वय भगत सिंह ने अपने जीवन में किया।
इस अवसर पर अजय पांडेय, अवनीश मणि त्रिपाठी, राजेश दूबे, सुबोध गिरि, संजय गुप्ता, महेंद्र प्रताप सिंह, विनय श्रीवास्तव, हरी नारायण धर दूबे, आदि उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय
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