विद्यार्थियों का समग्र विकास करना ही नयी शिक्षा पद्धति का लक्ष्य : डॉ जोसेफ

विद्यार्थियों का समग्र विकास करना ही नयी शिक्षा पद्धति का लक्ष्य : डॉ जोसेफ
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विद्यार्थियों का समग्र विकास करना ही नयी शिक्षा पद्धति का लक्ष्य : डॉ जोसेफ


प्रयागराज, 12 अप्रैल (हि.स.)। जगत तारन गोल्डेन जुबिली स्कूल में सीबीएसई की ओर से नए सत्र 2024-25 के शुरू होने पर 'साइंस आफ रीडिंग' विषय पर कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को विद्यालय सभागार में किया गया। मुख्य अतिथि सीबीएसई दिल्ली के अकादमिक निदेशक डॉ जोसेफ इमैन्यूअल ने कहा कि विद्यार्थियों का समग्र विकास करना ही नयी शिक्षा पद्धति का लक्ष्य है।

उन्होंने विद्यालय में सकारात्मक वातावरण और संवाद कला की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी प्रधान समाज में बच्चों के पढ़ने की आदत छूट रही है। यह ठीक नहीं है। निदेशक ने कहा कि जब बच्चा पढ़ने की कला से परिचित नहीं होगा, तो शिक्षा उसे बोझ लगेगी। इसलिए आवश्यकता है कि विद्यालय को एक खुशहाल स्थान बनाया जाय।

मुख्य वक्ता इंग्लिश लैंग्वेज ट्रेनर भानु पौडेल ने सीबीएसई रीडिंग मिशन, रीडिंग चैलेंज, सीबीएसई रीडिंग ऐप, निपुण कार्यक्रम व पठन क्रिया पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पढ़ने का विज्ञान ध्वन्यात्मक जागरूकता, भाषा और शब्दावली जैसे मूलभूत कौशल के महत्व से जुड़ा है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि सीबीएसई आरओ ललित कपिल, प्रधान सीओई (सेंटर ऑफ एक्सिलेंस) अखिलेश कुमार सहित मंडल के 200 से अधिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य और अन्य लोग शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधानाचार्या सुष्मिता कानूनगो, जगत तारन एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष प्रदीप मुखर्जी, सचिव संजीव चंदा, मनोज बनर्जी, अमित नियोगी, माधुरी श्रीवास्तव, सरिता दुबे आदि मौजूद रहीं।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/राजेश

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