माइक्रोबियल बाॅयोमार्कर से मुंह के कैंसर की हो सकेगी प्रारंभिक चरण में पहचान
लखनऊ, 04 फरवरी (हि.स.)। आधुनिक विज्ञान एवं तकनीक के साथ कैंसर की जांच और उपचार में नई उम्मीद की किरणें उजागर हो रही हैं। हमारे मुंह में माइक्रो ऑर्गेनिज्म का एक बहुत बड़ा समूह सामान्य रूप से रहता है। कैंसर की बीमारी में यह (माइक्रो ऑर्गेनिज्म) बदल सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए कैंसर की प्राथमिक और वृहद स्थिति में माइक्रो ऑर्गेनिज्म का अध्ययन किया गया। माइक्रोबियल बाॅयोमार्कर की सहायता से मुंह के कैंसर को प्रारंभिक चरण में ही पहचाना जा सकेगा।
एक अध्ययन के अनुसार, जिसमें केजीएमयू और आईएमटीईसीएच चंडीगढ़ के चिकित्सकों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया। अध्ययन में यह भी खोजा गया कि कैंसर की बढ़ती संभावना के साथ-साथ कैपनोर्साटोफागा जैसे बैक्टीरिया की अधिकता भी बढ़ गई। इससे पता चलता है कि इन बैक्टीरिया के मौजूदा प्रमाण एक आरंभिक कैंसर के संकेत का संकेत दे सकते हैं।
यह अध्ययन ‘अमेरिकन सोसायटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी’ के माइक्रोबाॅयोलॉजी स्पेक्ट्रम जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
इस अध्ययन में डॉ. रश्मि कुमार, डॉ. राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने सीएसआईआर- इंस्टीटूट ऑफ़ माइक्रोबायोलॉजी टेक्नोलॉजी चंडीगढ़ से तथा डॉ. सुधीर सिंह और डॉ. समीर गुप्ता ने केजीएमयू से भाग लिया।
हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/दिलीप
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