काशी को कालाजार बीमारी से मुक्त करने को एक दिसम्बर से चलेगा अभियान

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काशी को कालाजार बीमारी से मुक्त करने को एक दिसम्बर से चलेगा अभियान


— कालाजार के मरीज को घर-घर भ्रमण कर ढ़ुढ़ा जाएगा, 14 दिनों से अधिक के बुखार के मरीजों की सूची तैयार होगी

वाराणसी,27 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कालाजार बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए एक दिसम्बर से अभियान चलेगा। काशी विद्यापीठ ब्लाक के गाँव हरपालपुर, केशरीपुर, खुलासपुर और परमानंदपुर, हरहुआ ब्लाक के गाँव बिचलापुर व सेवापुरी ब्लाक के गांव रामडीह, मटुका तथा अर्जुनपुर में यह अभियान चलेगा। आशा कार्यकत्री अभिशन में घर-घर भ्रमण कर 14 दिनों से अधिक के बुखार के मरीजों की लाइन लिस्ट तैयार करेंगी। साथ ही लोगों को इस रोग के बचाव की जानकारी भी दी जाएगी।

बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने कालाजार उन्मूलन के लिए 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में जनपद में कोई भी कालाजार का मरीज चिन्हित नहीं हैं| कालाजार धीरे-धीरे विकसित होने वाला एक देशी रोग है जो एक कोशीय परजीवी या जीनस लेशमेनिया से होता है। कई वर्षों के बाद यह पीकेडीएल (पोस्ट कालाजार डर्मल लेशमेनियासिस) में बदल जाता है। इसमें मरीज के शरीर पर सफेद दाग या चकत्ते दिखाई देने लगते हैं। ऐसा मरीज रोग के वाहक का कार्य करता है। कालाजार के लक्षणों में बुखार अक्सर रुक-रुक कर या तेजी से तथा दोहरी गति से आता है। भूख न लगना, पीलापन और वजन में कमी जिससे शरीर में दुर्बलता महसूस होती है। प्लीहा (तिल्ली) का अधिक बढ जाती है। त्वचा-सूखी, पतली शल्की होती है तथा बाल झड़ सकते हैं। गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, पेट और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है ।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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