मिट्टी की जांच कराने से संतुलित उर्वरक का प्रयोग करके किसान कम लागत में पाएं अधिक लाभ
कानपुर, 13 सितम्बर(हि.स.)। संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करने एवं कृषि लागत कम करने के लिए खेतों की मिट्टी की जांच अवश्य करना चाहिए। यह जानकारी शुक्रवार को विकासखंड परिसर सरवनखेड़ा में आयोजित कृषि सूचना तंत्र के सुद्रणी करण एवं किसान जागरूकता अभियान के तहत गोष्ठी को संबोधित करते हुए चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने कही।
उन्होंने धान,मक्का, ज्वार, बाजरा, तिल आदि के प्रबंधन विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक किसान भाई को अपने खेतों की मिट्टी की जांच अवश्य कराना चाहिए।जिससे संतुलित उर्वरकों का प्रयोग हो सके तथा कृषि लागत कम आए। खरीफ फसलों में लगने वाले कीट एवं रोग प्रबंधन के बारे में भी जानकारी दी।
डॉक्टर ख़ान ने किसानों को परंपरागत खेती के बजाय तकनीकी पद्धति से खेती करने पर जोर दिया। कृषि गोष्ठी की अध्यक्षता भाजपा के मुनीश बाजपेई ने की। उन्होंने किसानों से कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई नवीन तकनीकों को जरूर अपनाएं। जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रियदर्शी ने पशुओं के टीकाकरण की जानकारी दी।
सहायक विकास अधिकारी विमल सचान ने किसानों को सदैव उन्नतशील बीजों के प्रयोग अधिक उपज प्राप्त करने के लिए सलाह दी। सहायक विकास अधिकारी कृषि प्रदुमन यादव ने किसान हितैषी विभिन्न प्रकार की कृषि योजनाओं की जानकारी दी।
इस अवसर पर कृषि विभाग के रोहित वर्मा, विजय, अजीत, मुकेश, विकास सहित प्रशासशील किसान सुंदरलाल, विनोद सिंह, धर्मेंद्र सिंह, अनुज, हर गोविंद सहित अन्य क्षेत्रीय किसान उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल
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