विकसित भारत की संकल्पना को पूरा करेगा बजट : डा. श्वेता पाण्डेय
झांसी, 1 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय सेवा योजना, इकाई द्वितीय बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय ने आज आम बजट 2024-25 पर चर्चा का आयोजन किया। इसमें राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने बजट के आयामों पर गंभीरता से चर्चा की। कार्यक्रम का आयोजन ललित कला संस्थान में किया गया। इस अवसर पर डॉ श्वेता पांडेय ने कहा कि बजट विकसित भारत की संकल्पना को पूरा करेगा।
विश्वविद्यालय की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी इकाई द्वितीय डा. श्वेता पाण्डेय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा। पंकज ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र के विकास के लिए शोध और नवाचार का बजट बढाया गया है। इससे देश में शोध और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा जिससे नई जानकारी के साथ ही साथ पिछड़े क्षेत्रों के विकास पर भी ध्यान दिया जा सकेगा। विज्ञान और तकनीकी के विकास के लिए भी शोध बहुत जरुरी है। शिवानी ने कहा कि बजट पेय जल की समस्या को कम करने, गरीबों के लिए राशन और आयकर की सीमा को बढ़ाने वाला है। अब 7.75 लाख रुपए तक कोई भी कर नहीं लगेगा इससे समाज में पैसा आएगा और रोजगार बढेगा।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए ललित कला संस्थान के शिक्षक गजेन्द्र सिंह ने कहा कि 23 जुलाई को प्रधान मंत्री के तीसरे कार्यकाल में पहला आम बजट वित्त मंत्री निर्मल सीतारामन ने प्रस्तुत किया। इस बजट में जहां विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधोभूत संरचना के विकास पर जोर दिया गया है वहीँ मानव संसाधन विकास, रोजगार, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे सभी क्षेत्रों को पोषित करने का प्रयास किया गया है।
इस अवसर पर संस्थान के शिक्षक डा. रानी शर्मा, डा. अंकिता शर्मा, डा. अजय कुमार गुप्त, डा. संतोष कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया / शरद चंद्र बाजपेयी / बृजनंदन यादव
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